Prayagraj junction से बमरौली के बीच 494 करोड़ रुपये से बिछेगी चौथी रेल लाइन, अभी सूबेदारगंज के पास फंसती हैं अभी ट्रेनें

देश के सबसे व्यस्त रेलमार्ग नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे की जानी है। एनसीआर की सबसे बड़ी परियोजना के लिए 6277 करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ है। जबकि 2021-22 के बजट में 1341 करोड़ रुपये मिले हैं।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 04 Feb 2021 10:10 PM (IST) Updated:Thu, 04 Feb 2021 10:10 PM (IST)
Prayagraj junction से बमरौली के बीच 494 करोड़ रुपये से बिछेगी चौथी रेल लाइन, अभी सूबेदारगंज के पास फंसती हैं अभी ट्रेनें
उत्तर मध्य रेलवे से जुड़े विकास कार्यों के लिए मिली मंजूरी को पिंक बुक भी जारी कर दी गई है।

प्रयागराज, जेएनएन। ट्रेनों की गतिशीलता बढ़ाने के लिए रेलवे का जोर है। इसके लिए बजट भी जारी कर दिया गया है। एनसीआर को कुल 6203 करोड़ रुपये बजट के रूप में मिला है। यात्रियों की सुविधा के लिए विभिन्न मदों में विकास कार्य किए जाएंगे। उत्तर मध्य रेलवे से जुड़े विकास कार्यों के लिए मिली मंजूरी को पिंक बुक भी जारी कर दी गई है।     

प्रयागराज से बमरौली के बीच चौथी लाइन

494 करोड़ रुपये की लागत से प्रयागराज से बमरौली के बीच करीब 10 किलोमीटर तक चौथी लाइन बिछाई जाएगी। इस रेलखंड पर यात्रियों की सुविधा के लिए सूबेदारगंज में एक फ्लाईओवर भी बनाने की मंजूरी मिली है। इसके लिए 22.40 करोड़ रुपये मिले हैं। चौथी लाइन पडऩे के बाद प्रयागराज जंक्शन पर गाड़ियों का लोड कम होगा और ट्रेनें आउटर पर नहीं फंसेंगी। 

उत्तर मध्य रेलवे को विकास कार्यों के लिए कुल 6203 करोड़ रुपये मिला बजट  

देश के सबसे व्यस्त रेलमार्ग नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटे की जानी है। एनसीआर की सबसे बड़ी परियोजना के लिए 6277 करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ है। जबकि 2021-22 के बजट में 1341 करोड़ रुपये मिले हैं। एनसीआर और एनईआर के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने प्रयागराज जंक्शन पर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। इस मौके पर डीआरएम मोहित चंद्रा, एडीआरएम इंफ्रा. अतुल गुप्ता, सीनियर डीसीएम अंशू पांडेय, सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

एनसीआर की दूसरी बड़ी परियोजना

उत्तर मध्य रेलवे क्षेत्र में इस बार की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना में झांसी-खैरार-मानिकपुर और खैरार-भीमसेन तक करीब 411 किलोमीटर दोहरीकरण का काम तीन हजार करोड़ की लागत से होना है। इसके लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 

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