संगम तीरे रेलवे की विकास यात्रा और सेवाभाव के दर्शन

उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने माघ मेले में प्रदर्शनी लगाई है जिसमें संगम तीरे रेलवे के विकास के लिए किए गए कार्य व सेवाभाव के दर्शन हो रहे हैं। कोरोना काल में एनसीआर के तीनों मंडल प्रयागराज झासी व आगरा की ओर से किए गए कार्यो और चुनौतियों को दर्शाया गया है। साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए भविष्य में करने वाले काम के बारे में भी बताया गया है। संगम में डुबकी लगाने के बाद लौटते वक्त श्रद्धालु रेलवे की प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंच रहे हैं। विभाग के अधिकारियों के निर्देशन में कर्मचारियों ने कई नए आयाम हासिल किए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 07:14 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 07:14 PM (IST)
संगम तीरे रेलवे की विकास यात्रा और सेवाभाव के दर्शन
संगम तीरे रेलवे की विकास यात्रा और सेवाभाव के दर्शन

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने माघ मेले में प्रदर्शनी लगाई है जिसमें संगम तीरे रेलवे के विकास के लिए किए गए कार्य व सेवाभाव के दर्शन हो रहे हैं। कोरोना काल में एनसीआर के तीनों मंडल प्रयागराज, झासी व आगरा की ओर से किए गए कार्यो और चुनौतियों को दर्शाया गया है। साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए भविष्य में करने वाले काम के बारे में भी बताया गया है। संगम में डुबकी लगाने के बाद लौटते वक्त श्रद्धालु रेलवे की प्रदर्शनी का अवलोकन करने पहुंच रहे हैं। विभाग के अधिकारियों के निर्देशन में कर्मचारियों ने कई नए आयाम हासिल किए। शिविर में आरक्षण टिकट व पूछताछ काउंटर भी

बाहर से माघ मेला व संगम में डुबकी लगाने आने वाले श्रद्धालु यात्रियों के लिए एनसीआर की ओर से एक आरक्षण टिकट काउंटर व एक पूछताछ काउंटर भी खोला गया। चूंकि बगैर आरक्षित टिकट के सफर नहीं किया जा सकता है। इसलिए यात्री लौटने का टिकट भी बुक करा सकते हैं। लोगों की प्रतिक्रिया

दो अक्टूबर 1963 को पहला मास्ट लगाकर इलाहाबाद-मुगलसराय खंड पर विद्युतीकरण का शुभारंभ हुअ था। यह प्रदर्शनी में पता चला। 1930 से 1953 तक संगम क्षेत्र के स्थाई कुंभ स्टेशन का दृश्य देखा।

- सुमित सोनी, झूंसी

अंदावा में रहकर बीए की पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा हूं। रेलवे के इतिहास को चित्रों के माध्यम से समझा और वर्ष 9155 में पुनर्निर्माण के पहले इलाहाबाद जंक्शन का दृश्य देखा।

- शिवम वर्मा, बलिया

लौटते वक्त अचानक शिविर दिखा तो अवलोकन किया। यहां पता चला कि कोरोना काल में रेलवे ने 11 हजार लीटर सैनिटाइजर व ढाई लाख मास्क बनाए। रेलवे के इतिहास को रोचक ढंग से दर्शाया है।

- जूली सोनी, अंदावा

एनसीआर की ओर से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी के बारे में पता चला। साथ ही लॉकडाउन के दौरान माल ढुलाई पर ध्यान दिया व 250 मालगाड़ियों के संचालन से आय बढाने की जानकारी मिली।

- प्रकाश शुक्ला, कीडगंज

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