ऑनलाइन शिक्षा : घर से पढ़ाई में कई व्यवहारिक दिक्कतें
महीनों से महामारी का दौर चल रहा है। दुनिया के हर हिस्से में भय व्याप्त है। इस दौरान बच्चों की शिक्षा में ऑनलाइन पढाई ने संबल दिया।
महीनों से महामारी का दौर चल रहा है। दुनिया के हर हिस्से में भय व्याप्त है। कोरोना का कारगर इलाज सामने नहीं आ पा रहा है। यह वायरस रह रहकर सिर उठा रहा है। लगभग सबकुछ अनलॉक होने के बावजूद छोटे बच्चों के लिए स्कूल अभी भी बंद हैं। बड़े बच्चों के मामले में भी प्रत्यक्ष शिक्षा वैकल्पिक रूप से दी जा रही है। ऑनलाइन शिक्षा के जरिए पठन-पाठन कराया जा रहा है। हम लोग पूरी ऊर्जा से इसमें लगे हैं। ऑनलाइन शिक्षा के दौरान कुछ व्यवहारिक दिक्कतें भी आ रही हैं। इनका समाधान ढूंढा जाना चाहिए। शहरी बच्चे तो काफी हद तक इसमें सफल हो रहे हैं। ग्रामीण बच्चे विभिन्न कारणों से ऑनलाइन शिक्षा का लाभ अच्छे से नहीं उठा पा रहे हैं। गांव में इंटरनेट की धवस्त कनेक्टिविटी और खस्ता बिजली व्यवस्था इसका मुख्य कारण है। फिर भी जितना संभव हो पा रहा है हम लोग बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं। कोविड के मामले में रिपोर्ट बताती है कि वैक्सीन जल्द से जल्द आ जाएगी। जब तक इस बीमारी का उचित समाधान नहीं ढूंढ लिया जाता तब तक किसी प्रकार की ढिलाई खतरनाक साबित हो सकती है। सबको सचेत रहने की सख्त जरूरत है।
-वासुदेव पांडेय, शिक्षक
कोविड-19 के भय से कब निजात मिलेगी? यह वायरस मानव के लिए काल बन गया है। इसने बच्चों की शिक्षा पर करारा वार किया है। पढ़ाई लिखाई चौपट हो गई है। ऑनलाइन शिक्षा के भरोसे कब तक काम चलेगा। इस व्यवस्था में कई व्यवहारिक दिक्कतें हैं। इसका समाधान ढूंढा जाना चाहिए। छोटे बच्चों के भी स्कूल खोले जाने चाहिए। हम लोग अपने बच्चों को गाइडलाइन के पालन के लिए तैयार कर चुके हैं। पूरी सतर्कता के साथ पठन-पाठन शुरू होना चाहिए। इसमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। सिर्फ शासन प्रशासन के भरोसे काम नहीं चलने वाला है।
-मनोज गुप्त, अभिभावक
कोरोना तो जाने का नाम ही नहीं ले रहा है। क्या इसका कोई तोड़ नहीं है। हम लोग कब तक घर में बैठे रहेंगे? ऑनलाइन शिक्षा से तालमेल बिठाना मुश्किल हो रहा है। नेटवर्क साथ नहीं देता है। आंखों पर भी नकारात्मक असर हो रहा है। खेलकूद भी प्रभावित है। इससे स्वास्थ्य असर हो रहा है। अब तो बहुत हो चुका। हमारे स्कूल भी खुलने चाहिए। हम भी कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करेंगे।
-श्रेयस, छात्र