Ayodhya Ram Mandir: बदल रही ऋतु में नारियल पानी का सेवन कर रहे रामलला, इन फलों का लग रहा भोग

फैजाबाद संसदीय क्षेत्र में बीजेपी की करारी हार के बाद से अयोध्यावासी इंटरनेट पर पार्टी विशेष समर्थकों के निशाने पर आ गए थे। तमाम तरह की उलाहनाओं के बीच रामनगरी में आस्था की दृढ़ता कायम रही। श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला पूर्ववत ही जारी है इतना ही नहीं देश-विदेश से आने वाले VIPs की संख्या में भी कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है।

By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla Publish:Sat, 29 Jun 2024 03:37 PM (IST) Updated:Sat, 29 Jun 2024 03:37 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir: बदल रही ऋतु में नारियल पानी का सेवन कर रहे रामलला, इन फलों का लग रहा भोग
रामलला की ऋतुओं के अनुकूल खानपान निर्धारित है। जागरण

HighLights

  • नित्य दही, नारियल पानी व फलों के जूस का लग रहा भोग
  • भक्तों को आह्लादित कर रहा भगवान का राजसी ठाठबाट

 प्रवीण तिवारी, जागरण अयोध्या। सदियों तक राजसी वैभव से वंचित रहे रामलला की भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद प्रतिदिन वैविध्यपूर्ण पूजा की जा रही है। उनकी पूरे समर्पण व राजसी गरिमा के साथ सेवा हो रही है। छह पहर की आरती के बाद ऋतुओं के अनुकूल खानपान भी निर्धारित है।

रामलला को इन दिनों बाल भोग में नारियल का पानी नियमित तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है। आम का पना, दही व लस्सी भी बड़े भाव से अर्पित की जाती है। भोग के बाद मंदिर के पुजारी व मौजूद जनों को इसे प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाता है। रामलला का जागरण ब्रह्ममुहूर्त में चार बजे वैदिक रीति से कराया जाता है।

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इसके बाद मंगला आरती होती है। सुबह छह बजे पुन: श्रृंगार आरती होती है। इसमें भगवान को वस्त्र, आभूषण से सज्जित किया जाता है। इस दौरान पेड़ा, रबड़ी, दही का भोग लगाया जाता है। इसी के बाद दिन में रामलला के दर्शन का क्रम शुरू होता है। दोपहर 12 बजे भोग आरती की जाती है, जिसके पूर्व दाल, चावल, रोटी, दो प्रकार की मौसमी सब्जी व मौसमी फल का भोग लगाकर रामलला को विश्राम कराया जाता है।

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एक बजे भगवान का जागरण करा कर उत्थापन आरती की जाती है। इस दौरान उन्हें दही, लस्सी व नारियल के पानी का भोग लगता है। आरती के साथ गर्भगृह का पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए भी खोल दिया जाता है। शाम सात बजे संध्या आरती होती है।

उन्हें पेड़ा, ड्राई फ्रूट का भोग लगाया जाता है। पुन: उनका पट दर्शन के लिए खोला जाता है। रात्रि नौ बजे पुन: सुपाच्य दाल, रोटी, सब्जी आदि का भोग लगाकर रामलला को शयन करा दिया जाता है।

मंदिर व्यवस्था से जुड़े आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक गोपाल बताते हैं कि समय- समय पर प्रभु को छप्पन भोग भी लगाया जाता है। पहले इस तरह रामलला की सेवा नहीं हो पाती थी, लेकिन जब से रामलला अपने भव्य प्रासाद में विराजित हुए तब से वैभवपूर्ण राग-भोग लग पा रहा है। हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेशदास कहते हैं कि रामलला की उनकी गरिमा के अनुरूप सेवा भक्तों को आनंदित करने वाली है।

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