दिल्ली तक चलने वाली इन जनशताब्दी ट्रेनों का बदलेगा नाम, जानिए क्या होगा नया नाम

राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की पहल पर फरवरी के अंत तक इन ट्रेनों का संचालन होने की उम्मीद है। राज्यसभा सदस्य बलूनी ने प्रदेश में टनकपुर व कोटद्वार से दिल्ली के लिए दो जनशताब्दी ट्रेनें संचालित किए जाने की घोषणा बीते दिनों की थी।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Wed, 03 Feb 2021 03:02 PM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2021 03:02 PM (IST)
दिल्ली तक चलने वाली इन जनशताब्दी ट्रेनों का बदलेगा नाम, जानिए क्या होगा नया नाम
संचालित होने वाली जनशताब्दी ट्रेनों को अब मां पूर्णागिरि व सिद्धबली धाम जनशताब्दी एक्सप्रेस नाम से जाना जाएगा।

बरेली, जेएनएन। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के बेड़े में दो ट्रेनें और शामिल हो गई है। मंगलवार को इन दोनों ट्रेनों के नाम को भी केंद्रीय रेल मंत्री ने हरी झंडी दे दी है। टनकपुर व कोटद्वार से दिल्ली के लिए संचालित होने वाली जनशताब्दी ट्रेनों को अब मां पूर्णागिरि व सिद्धबली धाम जनशताब्दी एक्सप्रेस नाम से जाना जाएगा। रेल मंत्रालय ने धार्मिक नामों से ट्रेन संचालन का सुझाव स्वीकार कर लिया है।

राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी की पहल पर फरवरी के अंत तक इन ट्रेनों का संचालन होने की उम्मीद है। राज्यसभा सदस्य बलूनी ने प्रदेश में टनकपुर व कोटद्वार से दिल्ली के लिए दो जनशताब्दी ट्रेनें संचालित किए जाने की घोषणा बीते दिनों की थी। कोटद्वार व टनकपुर दोनों प्रमुख धार्मिक आस्था के केंद्र हैं। कोटद्वार में बाबा सिद्धबली का जाग्रत धाम है, वह कोटद्वार के संरक्षक भी है। टनकपुर में मां पूर्णागिरि का धाम है, जिस पर देश भर के लाखों लोगों की आस्था है। इसलिए टनकपुर से दिल्ली चलने वाली ट्रेन का नाम श्री मां पूर्णागिरि एवं कोटद्वार से दिल्ली तक चलने वाली ट्रेन का नाम श्री सिद्धबली एक्सप्रेस रखा जाए। इसके बाद पूर्णागिरि मंदिर कमेटी, सिद्धबली मंदिर कमेटी सहित अनेक धार्मिक संगठनों ने भी सांसद बलूनी को पत्र भेजे। बलूनी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को दोनों ट्रेनों के नाम का सुझाव दिया था। मंगलवार को सांसद बलूनी ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अवगत कराया कि उनके सुझावों को रेल मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है। फरवरी के अंत तक रेल मंत्रालय इनके संचालन का प्रयास कर रहा है। मंदिर प्रशासन ने बीते दिनों पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम विनय त्रिपाठी से भी इस ट्रेन का नाम श्री मां पूर्णागिरी जनशताब्दी किए जाने की मांग की थी। जिसे स्वीकृति मिल गई है।

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