रेल विद्युतीकरण चोरों के लिए साबित हो रहा कामधेनु

पूर्वोत्तर रेलवे के मडुआडीह-इलाहाबाद सिटी रेलखंड पर चल रहा विद्युतीकरण का कार्य चोरों के लिए कामधेनु साबित हो रहा है। तो वहीं सुरक्षा और संरक्षा का दावा करने वाले अधिकारी भी इनकी फेहरिस्त के आगे नतमस्तक ही साबित हो रहे हैं। उदाहरण पर गौर किया जाय तो गत दिनों खंड के भीटी व अतरौरा हाल्ट के मध्य काटे गए कीमती ओएचई तार के मामले में पांच दिन बाद भी न

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Oct 2018 11:28 PM (IST) Updated:Tue, 16 Oct 2018 11:28 PM (IST)
रेल विद्युतीकरण चोरों के लिए साबित हो रहा कामधेनु
रेल विद्युतीकरण चोरों के लिए साबित हो रहा कामधेनु

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : पूर्वोत्तर रेलवे के मंडुआडीह-इलाहाबाद सिटी रेलखंड पर चल रहा विद्युतीकरण का कार्य चोरों के लिए कामधेनु साबित हो रहा है। तो वहीं सुरक्षा और संरक्षा का दावा करने वाले अधिकारी भी इनकी फेहरिस्त के आगे नतमस्तक ही साबित हो रहे हैं। उदाहरण पर गौर किया जाय तो गत दिनों खंड के भीटी व अतरौरा हाल्ट के मध्य काटे गए कीमती ओएचई तार के मामले में पांच दिन बाद भी न तो चोरों की सुराग लग सकी और न ही चोरी गए तारों की। घटना के दूसरे दिन तक मंडलीय तथा सुरक्षा तंत्र से जुड़े अधिकारियों की टीम भले ही कुछेक स्टेशनों पर देर रात पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ तक ही सिमट कर रह गई। अधिकारियों की हराम हुई नींद व भागमभाग को देख एक बारगी सहमे लोग सक्रियता पर सवालों की बौछार शुरु कर दी है।

ज्ञात हो कि रेलखंड पर इन दिनों विद्युतीकरण कार्य अंतिम चरण पहुंच रहा है। इस निमित्त इलेक्ट्रिक इंजनों को दौड़ाने के ओएचई के कीमती तारों को दौड़ाया जा रहा है। उक्त कीमती तारों पर चोरों की कु²ष्टि इस तरह पड़ती जा रही है रेलवे प्रशासन डाल-डाल तो चोर पात-पात चल रहे हैं। वैसे भी स्टेशनों के मध्य कार्य पूरा होने पर निर्माण एजेंसी की ओर रात में छोटे जनरेटरों के सहारे करंट तो दौड़ाया जाता है जो चोरों के लिए नाकाफी ही दिखता है। अहम सवाल यह कि रेलवे अधिकारियों की नींद तब टूटती है जब कीमती सामान चोरों के हाथ लगता है लेकिन उसके बाद तक न तो सुरक्षा की ¨चता रहती है और न ही संरक्षा को लेकर तत्परता। हां इतना जरुर है कि अभी तक निर्माणाधीन मामले में सबकुछ दारोमदार निर्माण एजेंसी पर ही डाल देना चोरों के मनोबल को बढ़ावा देने का काम करता है। इस बाबत आरपीएफ इलाहाबाद से जानकारी लेने की कोशिश की जाती रही लेकिन किसी का भ फोन उठ नहीं सका।

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