Chandauli Lok Sabha Result: चंदौली में सबसे बड़ा उलटफेर, सपा के वीरेंद्र की जीत पक्की, डा. महेंद्रनाथ पांडेय इतने वोट से पीछे

Chandauli Lok Sabha Result 2024 25वें राउंड में सपा के वीरेंद्र 25301 मतों से आगे जीत पक्की। बसपा भी बनी भाजपा की जीत की राह में रोड़ा। महेंद्र नाथ पांडेय तीसरी बार चुनाव लड़ रहे थे। भाजपा को यहां वोटरों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। यादव व अल्पसंख्यक समुदाय ने बढ़-चढ़कर इस मतदान में हिस्सा लिया था जिसका असर चुनाव परिणाम पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

By pradeep kumar singh Edited By: Abhishek Saxena Publish:Tue, 04 Jun 2024 04:11 PM (IST) Updated:Tue, 04 Jun 2024 04:11 PM (IST)
Chandauli Lok Sabha Result: चंदौली में सबसे बड़ा उलटफेर, सपा के वीरेंद्र की जीत पक्की, डा. महेंद्रनाथ पांडेय इतने वोट से पीछे
Chandauli Lok Sabha Result: चंदौली में भाजपा प्रत्याशी सपा गठबंधन से पीछे चल रहे हैं।

जागरण संवाददाता, चंदौली। चंदौली संसदीय सीट के लिए शुरूआती रूझान में जो मुकाबला कांटे का लग रहा था वह 19वें राउंड के बाद एकतरफा होने लगा और 25वें राउंड की गिनती के बाद आइएनडीआए के सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह ने भाजपा प्रत्याशी डा. महेंद्रनाथ पांडेय से 25301 मतों की बढ़त बना ली।

इसके बाद भाजपाई भी समझ गए कि अब मुकाबले में लौटना मुश्किल है, क्योंकि सैयदराजा व सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र का महज एक राउंड जबकि मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र के पांच राउंड की गिनती शेष रह गई थी। ऐसे में सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह की जीत तय मानी जा रही है। राजनीतिक पंडितों की माने तो इस बार के चुनाव में विकास के बजाय जातीय समीकरण हावी रहा और भाजपा अपने परंपरागत वोटों में सेंधमारी को रोक पाने में पूरी तरह से असफल साबित हुई।

नाराजगी पड़ी भारी

राजपूतों वोटरों की नाराजगी के साथ ही बिंद, कुशवाहा, चौहान समाज के मतदाताओं को वीरेंद्र सिंह अपने पक्ष में करने सफल रहे, जबकि थोड़ी ही संख्या में ही सही नाराज ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पाले में करने में भाजपा सफल नहीं हो पाई। यादव व अल्पसंख्यक समुदाय ने बढ़-चढ़कर इस मतदान में हिस्सा लिया था, जिसका असर चुनाव परिणाम पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

हालांकि राशन, आवास व उज्जवला जैसी योजनाओं का लाभ भाजपा को मिला और दलित मतदाताओं ने भी भाजपा को समर्थन किया, लेकिन अधिकांश दलित मतदाताओं ने बसपा प्रत्याशी सत्येंद्र कुमार मौर्य के ही पक्ष में मुहर लगाई। यह दलित सहित मौर्य बिरादरी से लगभग डेढ़ लाख मत पाए, जिसका असर चुनाव परिणाम पर भी पड़ा।

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