ऊफ मोदी जी से भी नहीं डरते रेल वाले ..
ऊफ मोदी से भी नहीं डरते रेल वाले ..। पीडीडीयू जंक्शन के मुख्य द्वार से गुजरने के दौरान ये बोल अधिकांश रेल यात्रियों की जुबां से बरबस ही फूट पड़ते हैं। दरअसल, मुख्य द्वार स्थित साइकिल स्टैंड के निकट खाली पड़ी भूमि पर एक नहीं सैकड़ों लोग रोजाना गंदगी कर रहे लेकिन कोई देखने, जानने, बोलने वाला नहीं है।
![ऊफ मोदी जी से भी नहीं डरते रेल वाले ..](https://www.jagranimages.com/images/11_09_2018-11cha13c_18415094_192553_m.webp)
जागरण संवाददाता, चंदौली : ऊफ मोदी जी से भी नहीं डरते रेल वाले ..। पीडीडीयू जंक्शन के मुख्य द्वार से गुजरने के दौरान ये बोल अधिकांश रेल यात्रियों की जुबां से बरबस ही फूट पड़ते हैं। दरअसल, मुख्य द्वार स्थित साइकिल स्टैंड के निकट खाली पड़ी भूमि पर एक नहीं सैकड़ों लोग रोजाना गंदगी कर रहे लेकिन कोई देखने, जानने, बोलने वाला नहीं है। यह स्थिति जंक्शन की पहचान पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नामकरण के बाद विश्वपटल पर आ गई है।
पीडीडीयू जंक्शन से रोजाना एक आंकड़े के मुताबिक करीब एक लाख लोगों की आवाजाही होती है। लाजिमी भी कि जंक्शन के कारण एक नहीं 160 के करीब ट्रेनें रफ्तार भरती गुजरती हैं। अप-डाउन की करीब 16 राजधानियां भी देश के चारों कोनों को यहां से जोड़ती हैं। इतना कुछ के बावजूद रेलवे स्टेशन के मुख्यद्वार पर ही दुर्गंध की दुश्वारियां यात्रियों का स्वागत करती हैं। ऐसा नहीं निदान न होने वाली समस्या के कारण रेलवे की फजीहत हो रही है। हां, उसे जानने, समझने, मुश्किल को महसूस करने की जहमत जरूर जिम्मेदार नहीं उठाना चाहते है। यात्रियों ने बताया कि देश में प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान का नारा देकर पूरे देश में अलख जगा रहे हैं। रेलवे देश की सबसे बड़ी परिवहन सेवा होने के बावजूद पीएम के नारे से मतलब नहीं रख रहा। यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के नारे स्लोगन तक सिमट कर रह गए हैं। अफसर निरीक्षण को भी पहुंचते तो पूर्व सूचना देकर, ऐसे में मुश्किलें पहले ही दुरुस्त कर ली जाती हैं। लाव-लश्कर छोड़कर रेल अधिकारी पैदल ही चलकर दफ्तर से स्टेशन पर पहुंचे दूसरे ही दिन सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।