जरा सी चूक बनती रेलवे एक्ट के उल्लंघन का सबब
केस नंबर एक 23 अगस्त 2017 की रात अछल्दा-पाता रेलवे स्टेशन के मध्य डीएफसीसी मालगाड़ी ट्रैक
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केस नंबर एक
23 अगस्त 2017 की रात अछल्दा-पाता रेलवे स्टेशन के मध्य डीएफसीसी मालगाड़ी ट्रैक निर्माण के लिए मिट्टी डाल रहा डंपर ट्रैक के इतना नजदीक चला गया कि अप ट्रैक् पर गुजर रही कैफियात एक्सप्रेस से टकरा गया। इससे कैफियात के कई कोच ट्रैक से उतर गए थे। इस मामले में डंपर चालक तथा मिट्टी डलवाने के ठेकेदार पकड़े गए थे जो कई माह बाद हाईकोर्ट से जमानत पाए थे, मामला अभी तक कोर्ट में विचाराधीन है।
केस नंबर- दो
चार साल पूर्व शहर में रेलवे के अधिकृत रूप से जनरल टिकट बेचने वाले एजेंट ने आरक्षित टिकट भी बेचना शुरू कर दिया। आइआरटीसी मुख्यालय पर मामला संज्ञान में आया तो आरपीएफ की बिजीलेंस टीम ने छापामार कार्रवाई करके कंप्यूटर आदि पकड़े थे। यह मामला अभी तक कोर्ट में विचाराधीन है।
- अधिकतर लोग जुर्माना अदा करके पाते मुक्ति
- संगीन मामलों के विचारण में लगता है समय
जागरण संवाददाता, इटावा : रेलवे संपत्ति तथा परिचालन की सुरक्षा का मुख्य रूप से दायित्व आरपीएफ पर है। आरपीएफ रेलवे नियमों का उल्लंघन न हो इसके लिए सजगता से ड्यूटी करती है। आम यात्रियों की जरा सी चूक रेलवे एक्ट के उल्लंघन का सबब बन जाता है। आरपीएफ विभिन्न तरह के अपराध में 29 धाराओं का प्रयोग करती है। संगीन मामलों में आरोपितों को तो कई-कई साल तक रेलवे कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
ट्रेन में सफर करने के दौरान यदि आप महिलाओं या दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में बैठ गए तो आप रेलवे एक्ट 162 के तहत पकड़े जा सकते हैं। सफर के दौरान हवा लेने या बाहरी नजारा देखने में गेट पर खड़े हो गए, पायदान पर बैठ गए तो 156 धारा लगेगी। इसी तरह अवैध रूप से वेंडरिग करना, यात्रियों से दुर्व्यवहार करना, उत्पात करना, अनावश्यक चेन पुलिग करना, स्टेशन परिसर प्लेटफार्मों पर गंदगी फैलाना, रेलवे ट्रैक पार करना सहित अन्य कई मामले है जिनसे आप रेलवे एक्ट के तहत पकड़े जा सकते है। अधिकांश मामलों में जुर्माना अदा करने पर मुक्ति मिल जाती है।
तीन मामले गैर जमानती
रेलवे एक्ट की धारा 143 में रेलवे टिकटों की दलाली करना, अनाधिकृत रूप से टिकट बनाना, धारा 153 के तहत रेलवे क्रासिग गेट क्षतिग्रस्त करना तथा धारा 164 के तहत विस्फोटक सामग्री सहित सफर करना। यह तीनों मामले गैर जमानती हैं और दस साल तक की सजा का प्रावधान है।
रेलवे अधिकारी-कर्मी भी घेरे में
रेलवे एक्ट में रेलवे अधिकारी और कर्मी भी घेरे में हैं। यदि कोई शराब के नशे में ड्यूटी करता है तो वह धारा 173 का अभियुक्त बनेगा। नौकरी से भी बर्खास्त किया जा सकता है। सुरक्षा के मद्देनजर निरंतर सजगता बरती जाती है। कोरोना काल से पूर्व 2019 में रेलवे एक्ट के उल्लंघन के विभिन्न मामलों में 842 लोग पकड़े गए थे, कोरोना काल में ट्रेनों का परिचालन कम होने से 2020 में 141 लोग पकड़े गए जबकि 2021 में अभी तक 25 लोगों को पकड़ा गया है। रेलवे एक्ट की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन न करे इसके लिए अभियान चलाकर यात्रियों को सजग भी किया जाता है।
- वीके शर्मा, प्रभारी आरपीएफ पोस्ट