गाजियाबाद रीजन की 130 से ज्यादा बसों से टपकता है पानी, बारिश में हजारों यात्रियों की बढ़ेगी परेशानी

गाजियाबाद में परिवहन निगम की बसों का बुरा हाल है। मानसून दस्तक दे चुका है लेकिन परिवहन निगम यात्रियों को बारिश में बेहतर बस सेवा देने के लिए तैयार नहीं हैं। निगम की ओर से कायाकल्प के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। गाजियाबाद रीजन में कुल 846 रोडवेज बसें हैं। इनमें से करीब 450 से ज्यादा बसें सात से आठ साल पुरानी हैं।

By Rahul Kumar Edited By: Abhishek Tiwari Publish:Wed, 03 Jul 2024 01:37 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2024 01:37 PM (IST)
गाजियाबाद रीजन की 130 से ज्यादा बसों से टपकता है पानी, बारिश में हजारों यात्रियों की बढ़ेगी परेशानी
जर्जर बसों का मेंटेनेंस कराने का आदेश दिया गया है। (फाइल फोटो)

राहुल कुमार, साहिबाबाद। गाजियाबाद में परिवहन निगम के बेड़े में 130 से अधिक बसें ऐसी हैं, जिनकी छत लीकेज होने के कारण पानी टपकता है। इन बसों की छतों की लीकेज, टूटे शीशों व खराब वाइपर को बदलने का कार्य अभी तक नहीं किया गया है।

मुख्यालय ने अगले तीन दिन में इन बसों का मेंटेनेंस कराने का कड़ा आदेश दिया है। लापरवाही पर क्षेत्रीय प्रबंधक व सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को कार्रवाई की चेतावनी दी है। गाजियाबाद रीजन में परिवहन निगम के बेड़े में करीब 846 बसें हैं। इनमें से कौशांबी, साहिबाबाद, गाजियाबाद, लोनी, सिकंदराबाद, खुर्जा, बुलंदशहर व हापुड़ डिपो की 450 बसें ऐसी हैं जो सात से आठ साल पुरानी हैं।

मानसून से पहले इन बसों का किया जाता है मेंटेनेंस

इनमें एक-तिहाई से अधिक बसों की छत जर्जर हो चुकी हैं। बीते दिनों हुई बारिश से इन बसों की छतों से जगह-जगह से पानी टपकता था। दरअसल, हर वर्ष मानसून आने से पहले अप्रैल तक इन बसों का मेंटेनेंस किया जाता है। इन बसों में देखा जाता है कि बारिश होने पर पानी यात्रियों तक तो नहीं पहुंचेगा। इसके लिए बसों की छतों पर पानी डालकर जांच की जाती है।

साथ ही बसों की विंडो के टूटे शीशें व खराब वाइपर को बदला जाता है। इस वर्ष जुलाई शुरू हो गया है और अभी तक बसों के मेंटेनेंस का कार्य पूरा नहीं किया गया है। दो दिन पहले बारिश होने पर बसों के मेंटेनेंस का कार्य शुरू किया गया है। अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ है। निगम के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा यात्रियों को भुगतना पड़ेगा।

कौशांबी डिपो की 50 से केवल 20 बसों का लीकेज रोका गया

कौशांबी डिपो की 162 में से करीब 50 बसें ऐसी हैं, जिनकी छत जर्जर हो चुकी है। बारिश होते ही इनकी छतों से पानी टपकता है। 10 से अधिक बसों का वाइपर भी खराब है।

डिपो के अधिकारियों का कहना है कि बसों की छतों को वाटर प्रूफिंग केमिकल लगाकर ठीक किया जा रहा है। आठ डीजल व 12 सीएनजी बसों की छतों पर केमिकल लगाकर लीकेज को ठीक कर दिया गया है। हालांकि बारिश होने पर ही पता चलेगा कि इन बसों में यात्री बिना भीगे सफर कर सकेंगे या नहीं।

साहिबाबाद की 18 बसों की छत में लीकेज

साहिबाबाद डिपो के बेड़ा में कुल 146 साधारण, एसी व पिंक बसें हैं। इनमें से 18 बसों की छत जर्जर हो चुकी है। इन बसों में बारिश होने पर पानी टपकता है। अभी तक इन बसों के लीकेज को ठीक नहीं कराया गया है। बारिश होते ही इन बसों से पानी टपकेगा और यात्रियों का सफर खराब होगा।

हाल ही में हुई बारिश से झेलनी पड़ी थी परेशानी

बीते सप्ताह दो-तीन बार बारिश होने के बाद अधिकारियों की नींद खुली। दरअसल बारिश होने पर परिवहन निगम की बसों के टपकने की यात्रियों ने सैकड़ों शिकायतें की थीं। इसके बाद बसों के मेंटेनेंस का कार्य शुरू किया गया। तय समय से दो महीने बाद कार्य शुरू होने से अब यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ेगी।

जिन बसों की छतों में लीकेज की समस्या है उनका मेंटेनेंस कराया जा रहा है। अगले तीन दिन में कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जो अधिकारी लापरवाही बरतेंगे उनसे स्पष्टीकरण लिया जाएगा।

-केसरी नंदन चौधरी, क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगम

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