Paper Leak Case: बेदी राम ने पहले बनाई अकूत संपत्ति, फिर नकल माफिया से बन गए ‘माननीय’

बेदी राम का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों में फैला था वह अपने गुर्गों की बदौलत पेपर लीक जैसी घटनाओं को बखूबी अंजाम देता था। डेढ़ दशक पहले बेदी राम के ऊपर शिकंजा कसने लगा और इसके बाद एसटीएफ को उसे गिरफ्तार करने का जिम्मा सौंपा गया। हर बार बेदी राम पुलिस की टीम को चकमा देकर फरार हो जाता था।

By Shivanand Rai Edited By: Vivek Shukla Publish:Fri, 28 Jun 2024 09:23 AM (IST) Updated:Fri, 28 Jun 2024 09:23 AM (IST)
Paper Leak Case: बेदी राम ने पहले बनाई अकूत संपत्ति, फिर नकल माफिया से बन गए ‘माननीय’
सुभासपा नेता व नकल माफ‍िया बेदी राम विधायक जखनियां। जागरण (फाइल फोटो)

HighLights

  • पेपर लीक की बदौलत जौनपुर से लगायत लखनऊ तक खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य
  • धनबल के बूते राजनीति में की एंट्री, जखनियां से पहली बार सुभासपा से विधायक
  • दस साल पहले एसटीएफ ने गैंगस्टर व संपत्ति कुर्क करने के लिए लिखा था एसएसपी लखनऊ को ब्योरा

शिवानंद राय, जागरण गाजीपुर। देशभर के विभिन्न प्रांतों में प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक कराने का वीडियो सामने आने के बाद घिरे सुभासपा विधायक ने अपराध की राह पकड़कर अकूत संपत्ति हासिल की। हजारों मेधावी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ के बूते करोड़ों का साम्राज्य जौनपुर से लेकर लखनऊ तक खड़ा किया।

एटीएफ की रिकार्ड में पेपर लीक गिरोह के सरगना और कुख्यात नकल माफिया जैसे शब्द से ‘अलंकृत’ बेदी राम ने टिकट की खरीद फरोख्त की बदौलत पहली बार जखनियां से सियासी समर में उतर कर विधायक बन गए। एसटीएफ की रिपोर्ट के बावजूद बेदी राम तत्कालीन सपा सरकार में खुद को बचाने में कामयाब रहे और आज सत्ताधारी गठबंधन के विधायक होने के नाते सुरक्षा कवच के घेरे में हैं। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सबकुछ जानते हुए भी जनपद से बेदी राम का कोई सियासी नाता न होने के बावजूद टिकट दे दिया।

जखनियां से सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के विधायक बेदी राम को लेकर मचे घमासान के बीच एक पत्र दैनिक जागरण के हाथ लगा है, जिसे 21 अगस्त 2014 को एसटीएफ के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पांडेय ने लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखा था।

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एसटीएफ ने यह पत्र नकल माफिया बेदीराम पुत्र मन्नू राम निवासी 3\52विकांतखंड गोमतीनगर लखनऊ को संकलित अभिसूचना के आधार पर 16 जुलाई 2014 को गिरफ्तारी के बाद लिखा था। एसटीएफ ने साफ लिखा था कि अपराधिक गतिविधियों पर रोकथाम के लिए बेदीराम के विरुद्ध उत्तर प्रदेश गिरोह बंद अधिनियम के तहत कार्रवाई व संपत्ति कुर्क करना अनिवार्य है।

इसके लिए अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था ने अपनी संस्तुति कर रखी है,लेकिन तब प्रदेश में सपा की सरकार होने के कारण बेदी राम अपने आप को काफी हद तक बचाने में कामयाब रहे। वह मूलरूप से जौनपुर जिले के जलालपुर क्षेत्र के कुसियां गांव का निवासी हैं। वर्ष 1993 में अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से स्नातक हैं।

वर्ष 2014 में एसटीएफ की ओर से जुटाया गया संपत्ति का ब्योरा

मकान नं.3\ 52 विक्रांत खंड गोमतीनगर लखनऊ मकान नं. 2\42 विजयंत खंड गोमतीनगर लखनऊ मकान नं. 1\131 सेक्टर ए वृंदावन योजना लखनऊ प्लाट संख्या जी -52 ट्रांसपोर्टनगर लखनऊ लखनऊ के गोसाई के ग्राम अमेठी के आसपास आम का बाग जौनपुर के जलालपुर क्षेत्र के गांव कुसिया में कृषि भूमि जौनपुर के जलालपुर में दो ईंट भट्ठे जौनपुर के जलालाबाद के वाराणसी-लखनऊ मार्ग पर 6000 वर्ग फीट भूमि

(यह ब्योरा एसटीएफ के पत्र से संकलित किया गया है)

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विधायक पर दर्जनभर मुकदमा

राजस्थान के जयपुर के थाना एसओजी, एसटीएफ थाना भोपाल मध्यप्रदेश, थाना कृष्णानंगर लखनऊ, थाना गोमतीनगर लखनऊ, थाना अाशियाना लखनऊ, थाना मड़ियाहू जौनपुर, थाना जलालपुर जौनपुर सहित दर्जनभर मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा दस मुकदमे तो केवल रेलवे भर्ती परीक्षा से जुड़े हैं।

राजस्थान स. परीक्षा 1992 उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों के निवारण अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट सहित कई मुकदमे दर्ज है। यह उन्होंने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने शपथ पत्र में लिखा है। कई न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है।

यह था प्रकरण: प्रसारित वीडियो में बेदी राम का दावा, 'कोई भी परीक्षा हो, आसानी से पास करा दूंगा'

जखनियां विधानसभा के सुभासपा विधायक बेदी राम का एक वीडियो तेजी से प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना सहित कई राज्यों में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एक साथ कई परीक्षार्थियों को पास कराने का दावा कर रहे हैं।

एक टीवी चैनल के स्टिंग आपरेशन में एक व्यक्ति ने विधायक का नाम लिया है। विधायक से बातचीत का भी वीडियो खूब प्रसारित हो रहा। हालांकि, दैनिक जागरण इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो प्रसारित होने के 24 घंटे बाद भी न तो सुभासपा प्रमुख और न ही किसी जिम्मेदार पदाधिकारी का इसे लेकर कोई बयान आया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा सुभासपा गठबंधन होने पर सुभासपा

प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने बेदी राम को जखनियां से प्रत्याशी बनाया। बेदी राम विधायक बन गए। वह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के करीबी माने जाते हैं। प्रसारित वीडियो को लेकर बेदी राम का पक्ष जानने के लिए उन्हें कई बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।

बेदी राम को लेकर कांग्रेस ने पीएम व सीएम पर साधा निशाना

कांग्रेस ने बेदी राम का वीडियो प्रसारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने एक्स हैंडल पर लिखा है कि भाजपा के सहयोगी दल सुभासपा के विधायक बेदी राम नीट (यूजी) का पेपर आउट कराने का सरगना है।

इनका काम देशभर में पेपर लीक कराकर पैसा कमाना है। वह पहले भी पेपर आउट कराने के मामले में जेल गए हैं। विधायक सत्ता में होने का रौब भी जमाता है। कांग्रेस ने सवाल किया कि पेपर लीक का पता होने के बावजूद विधायक को एनडीए गठबंधन में क्यों रखा गया?

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