वर्ष 1880 के बाद पहली बार बिजली इंजन के सहारे दौड़ी डीटी पैसेंजर ट्रेन

जागरण संवाददाता दिलदारनगर (गाजीपुर) दानापुर मंडल के दिलदारनगर-ताड़ीघाट रेलखंड पर 141 साल बाद इलेक्ट्रिक इंजन से सोमवार को ट्रेन का परिचालन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Feb 2021 03:51 PM (IST) Updated:Mon, 01 Feb 2021 03:51 PM (IST)
वर्ष 1880 के बाद पहली बार बिजली इंजन के सहारे दौड़ी डीटी पैसेंजर ट्रेन
वर्ष 1880 के बाद पहली बार बिजली इंजन के सहारे दौड़ी डीटी पैसेंजर ट्रेन

जागरण संवाददाता, दिलदारनगर (गाजीपुर) : दानापुर मंडल के दिलदारनगर-ताड़ीघाट रेलखंड पर 141 वर्षों के बाद इलेक्ट्रिक इंजन से सोमवार को ट्रेन का परिचालन हुआ तो यात्री खुशी से झूम उठे। 1880 में बिछे इस 19 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग का विद्युतीकरण कार्य पूरा हो जाने के बाद बीते 14 अगस्त 2020 को रेल संरक्षा आयुक्त पूर्वी परिमंडल एएम चौधरी ने निरीक्षण कर बिजली इंजन से ट्रेन के परिचालन को हरी झंडी दी थी। कोरोना संक्रमण के कारण बीते 22 मार्च से डिटी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन बंद हो गया था।

कोलकाता से गंगा नदी पर जहाजों के माध्यम से माल परिवहन के उद्देश्य से दिलदारनगर-ताड़ीघाट रेलखंड का निर्माण ब्रिटिशकाल में 1880 में किया गया था। इसके बाद भाप इंजन से ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ, लेकिन वर्ष 1990 में इस रेलखंड को छोटी लाइन से बड़ी लाइन में परिवर्तित किया गया तो भाप इंजन की जगह डीजल इंजन ने ले लिया। अब तीन दशक बाद इस रेल मार्ग पर डीजल इंजन की जगह इलेक्ट्रिक इंजन ने ले लिया। इस रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से पैसेंजर ट्रेन का चलना लोगों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं। इसका श्रेय तत्कालीन रेल राज्य मनोज सिन्हा को मंत्री को जाता है। उनके प्रयास से ही रेलवे के नक्शे में उपेक्षित इस रेल मार्ग को मुख्य रेल मार्ग से जोड़ा गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस रेल मार्ग पर मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें भी दौड़ने लगेगी। गाजीपुर और उसके आसपास के क्षेत्र के लोगों को रेलमार्ग द्वारा दिलदारनगर और बिहार आने में काफी सहूलियत होगी। दिलदारनगर-ताड़ीघाट ब्रांच लाइन को मऊ रेल लाइन से जोड़ने के लिए गंगा नदी में रेल सह रोड ब्रिज का निर्माण तेजी से चल रहा है। इस रेल पुल के चालू होने के बाद दिलदारनगर ताड़ीघाट रेल खंड जो अब तक केवल ताड़ीघाट तक है वह गाजीपुर होते हुए मऊ से सीधे रेल लिक से जुड़ जाएगा जो बिहार से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के लिए वैकल्पिक रेलमार्ग होगा। विद्युतीकृत रेलखंडों पर डीजल इंजन के बजाए बिजली इंजन से ट्रेनों के चलाए जाने से जहां एक ओर रेल परिचालन के संचलन में सुविधा होगी वहीं दूसरी ओर कार्बन उत्सर्जन में आने के कारण जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

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315 दिन बाद डिटी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन

- डीडीयू - दिलदारनगर ताड़ीघाट पैसेंजर ट्रेन का परिचालन 315 बाद सोमवार से स्पेशल ट्रेन के रूप में शुरू हुआ। इस ट्रेन का परिचालन बीते 22 मार्च 2020 से कोरोना संक्रमण के कारण बंद हो गया था। इस स्पेशल ट्रेन में कुल आठ कोच व डबल इलेक्ट्रिक इंजन है। इसमें एक इंजन आगे व एक पीछे लगा हुआ था। पहले दिन 65 टिकट की बिक्री हुई। डीडीयू के पायलट व गार्ड ट्रेनों को सुबह 8: 15 बजे लेकर ताड़ीघाट को रवाना हुए। इस मौके पर स्टेशन प्रबंधक नफीस अहमद खां, उमेश कुमार,आरपीएफ उपनिरीक्षक अभिनव कुमार,मंडल अध्यक्ष अमित जायसवाल आदि रहे।

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पूर्व मध्य रेलवे के दिलदारनगर ताड़ीघाट लाइन का शत प्रतिशत विद्युतीकृत होने पर संरक्षा आयुक्त, पूर्वी परिमंडल एएम चौधरी ने विद्युत इंजन से ट्रेनों के परिचालन की हरी झंडी दी है। अब इस रेल मार्ग पर बिजली इंजन से ही पैसेंजर ट्रेन का परिचालन होगा।

- राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर। ---

यात्रियों में हर्ष, सपना हुआ साकार

- ताड़ीघाट स्पेशल ट्रेन का इलेक्ट्रिक इंजन से परिचालन होने से रेल यात्रियों में हर्ष व्याप्त है। दिलदारनगर से ताड़ीघाट तक यात्रा करने वाले दिनेश प्रधा, डा सुखराज, अधिवक्ता धीरज कुमार, विनोद अकेला, विजय कुमार आदि ने कहा कि इस रेल मार्ग पर पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन से डिटी पैसेंजर ट्रेन का परिचालन का सपना साकार होना बड़ी बात है। दिलदारनगर-ताड़ीघाट ब्रांच लाइन मऊ रेल लाइन से जुड़ने के बाद दिलदारनगर स्टेशन दानापुर मंडल का एक बड़ा जंक्शन बनेगा जिसका लाभ रेल यात्रियों को मिलेगा साथ ही क्षेत्र के विकास के मिल का पत्थर साबित होगा। इसका श्रेय तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को जाता है। इनके भगीरथ प्रयास से गंगा पर ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ। आल इंडिया रेलवे पैसेंजर एसोसिएशन के सचिव वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि ताड़ीघाट ब्रांच लाइन का विद्युतीकरण होने से बिजली इंजन से ट्रेन का परिचालन का सपना पूरा हो गया।

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