70 हजार रुपये प्रतिमाह कमाने गया था रूस, वापस लौटा शव; पिता ने बताई विदेशी चकाचौंध की सच्चाई

रूस 70 हजार रुपये प्रतिमाह कमाने गए चड़ौवा रमईपुर दर्जीपुरवा के अली हुसैन का शव वापस गांव लौटा है। मृतक के पिता मुहम्मद हुसैन ने रूस ले जाने वाले एजेंट पर बेटे की हत्या कराने का आरोप लगाया है। पिता ने बताया कि वहां भोजन भी तौलकर 100 ग्राम चावल दिया जाता था। इसका विरोध जब उन लोगों ने किया तो उनकी पिटाई भी की जाती थी।

By Amit pandey Edited By: Aysha Sheikh Publish:Sat, 22 Jun 2024 07:01 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jun 2024 07:01 PM (IST)
70 हजार रुपये प्रतिमाह कमाने गया था रूस, वापस लौटा शव; पिता ने बताई विदेशी चकाचौंध की सच्चाई
रूस से अली हुसैन का शव लाया गया गांव, स्वजन में छाया मातमी

HighLights

  • मृतक के पिता ने रूस ले जाने वाले एजेंट पर लगाया हत्या कराने का आरोप
  • मृतक के पिता ने रूस ले जाने वाले एजेंट पर लगाया हत्या कराने का आरोप

जागरण संवाददाता, वजीरगंज (गोंडा)। रूस कमाने गए चड़ौवा रमईपुर दर्जीपुरवा के अली हुसैन का शव शनिवार को घर (गांव) पहुंचा तो स्वजन व गांव में मातमी सन्नाटा छा गया। मृतक के पिता मुहम्मद हुसैन ने रूस ले जाने वाले एजेंट पर बेटे की हत्या कराने का आरोप लगाया है।  मुहम्मद हुसैन ने बताया कि क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले एजेंट के माध्यम से उनके बेटे अली हुसैन समेत 88 लोग छह दिसंबर 2023 को रूस कमाने गए थे।

मुहम्मद हुसैन के अनुसार एजेंट ने बताया था कि वहां सरकारी कंपनी में सिलाई का कार्य करना होगा। नौ घंटे काम करने पर 70 हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसी बात पर राजी होकर प्रति व्यक्ति डेढ़ लाख रुपये दिए थे। जब वह सब रूस पहुंचे तो वहां पर मिले एजेंट ने कहा कि उन सबको बेच दिया गया है। 16 घंटे काम लिया जाएगा और 30 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।

'घर बुला लीजिए नहीं तो वह लोग मार देंगे'

भोजन भी तौलकर 100 ग्राम चावल दिया जाता था। इसका विरोध जब उन लोगों ने किया तो उनकी पिटाई भी की जाती थी। इसकी सूचना एजेंट को दी, तो उन्होंने कहा की जैसा वह कह रहे हैं वैसा करो, नहीं तो वहीं पर मरवा दूंगा। यूक्रेन सीमा पर भिजवा दूंगा। मुहम्मद हुसैन ने कहा कि उसका बेटा बार-बार फोन कर कहता था कि उसे घर बुला लीजिए नहीं तो वह लोग मार देंगे।

मुहम्मद हुसैन का आरोप है कि गत दो जून की रात बेटे अली हुसैन की गला काटकर हत्या कर दी गई। वहीं एजेंट गत 10 जून तक बताता रहा कि अली हुसैन बीमार है उसका इलाज अस्पताल में चल रहा है। 11 जून को मौत होने की सूचना दी। मुहम्मद हुसैन ने कहा कि उसके चार बेटे थे। सद्दाम हुसैन, नबी हुसैन घर पर रहकर सिलाई का काम करते हैं। तीसरा बेटा गुलाम पढ़ाई करता है। दूसरे नंबर पर अली हुसैन था, जो रूस गया था।

विदेश राज्यमंत्री के हस्तक्षेप से लाया गया शव

रूस में बेटे की मौत की सूचना मिलने के बाद पिता मुहम्मद हुसैन ने भाजपा मंडल अध्यक्ष ग्राम प्रधान सत्यदेव मिश्र के माध्यम से विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह से मुलाकात कर शव जल्द मंगवाने की मांग की। इस पर तत्परता दिखाते हुए विदेश राज्य मंत्री ने जल्द कार्रवाई पूरी कराई। शनिवार की सुबह अली हुसैन का शव गांव लाया जा सका। मृतक के चाचा मुहम्मद हमीम सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि वह सरकार से मांग करेंगे कि उन्हें न्याय मिले।

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