देशभर में आटोमोबाइल्स ढो रहे गोरखपुर में निर्मित 520 एनएमजी, अब 110 किमी. की गति से दौड़ेंगी मालगाड़ियां

गोरखपुर के यांत्रिक कारखाने में हाईस्पीड वाले नए न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन बनने लगे हैं। ऐसे में 110 किमी. की गति से मालगाड़ियां दौड़ेंगी। बता दें कि वर्ष 2020-21 में गोरखपुर के यांत्रिक कारखाने में सबसे ज्यादा 337 न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन बनाए गए हैं। रेलवे बोर्ड ने इस बार गोरखपुर कारखाने को 350 एनएमजीएचएस बनाने का लक्ष्य दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 03 Sep 2023 03:18 PM (IST) Updated:Sun, 03 Sep 2023 03:18 PM (IST)
देशभर में आटोमोबाइल्स ढो रहे गोरखपुर में निर्मित 520 एनएमजी, अब 110 किमी. की गति से दौड़ेंगी मालगाड़ियां
गोरखपुर के यांत्रिक कारखाने में बनकर तैयार न्यू मोडिफाइड गुड्स वैगन। -जागरण

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। गोरखपुर स्थित यांत्रिक कारखाने में बने 520 न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन (एनएमजी) देशभर में आटोमोबाइल्स ढो रहे हैं। इन वैगनों से आटोमोबाइल्स देश के एक छोर से दूसरे छोर तक सुगमतापूर्वक समय से सुरक्षित पहुंचने लगे हैं। रेलमार्ग से मोटर साइकिल, कार, ट्रैक्टर, वैन व आटो आदि की आसानी से ढुलाई होने लगी है। एनएमजी रेक वाली मालगाड़ियां आटोमोबाइल्स लेकर बांग्लादेश भी जा चुकी हैं। इससे रेलवे के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिल रही है।

बनने लगे हैं हाईस्पीड वाले न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन

खास बात यह है कि न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन भी हाईस्पीड वाले बनने लगे हैं। मालगाड़ियां आटोमोबाइल्स लेकर 90 की जगह अधिकतम 110 किमी. प्रति घंटे की गति से चलेंगी। रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर को हाईस्पीड वाले 350 एनएमजीएचएस बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में गोरखपुर कारखाने में हाईस्पीड के 18 टन क्षमता वाले 47 वैगन बनकर तैयार हो गए हैं। इनका निर्माण दोपहिया व चार पहिया वाहनों की ढुलाई को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।

शेष 303 वैगन भी अगले वर्ष बनकर तैयार हो जाएंगे। कारखाने के इंजीनियरों ने 90 किमी. प्रति घंटे वाले निर्मित जनरल एनएमजी की गति बढ़ाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड ने पूर्व निर्मित जनरल एनएमजी की गति 110 किमी. प्रति घंटे करने के लिए भी निर्देश जारी किया है। जनरल एनएमजी की गति बढ़ाने का कार्य आरंभ है। आने वाले दिनों में नए ही नहीं, पुराने एनएमजी भी 110 किमी. प्रति घंटे की गति से चलेंगे।

हाईस्पीड वाले एनएमजी में दोनों तरफ लग रहे दरवाजे

पुराने एनएमजी की तुलना में हाईस्पीड वाले नए एनएमजी काफी सुविधाजनक हैं। प्लेटफार्मों पर वाहनों को चढ़ाने व उतारने के लिए इसके दोनों तरफ दरवाजे लग रहे हैं। बेहतर डिजाइन के साथ बैरल लाक लगाया जा रहा है। वैगन के अंदर प्राकृतिक रोशनी के लिए नेचुरल पाइप लाइट अरेंजमेंट का प्रविधान है। पुराने एनएमजी में सिर्फ पीछे की तरफ दरवाजे होते थे।

15 वर्ष पुराने कोचों से बनते हैं एनएमजी, बचते हैं 22 लाख

न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन (एनएमजी) 15 वर्ष पूरा कर चुके पुराने कोचों से बनाए जाते हैं। वर्ष 2019 से पहले तक पुराने कोचों को कबाड़ घोषित कर दिया जाता था, जिनकी बिक्री औने-पौने दाम पर हो जाती थी। अब इनसे एनएमजी बनने से रेलवे को प्रति वैगन 20 से 22 लाख रुपये की बचत हो जाती है। 15 वर्ष चलने के बाद पुराने परंपरागत (आइसीएफ) कोच कबाड़ घोषित कर दिए जाते हैं। पहले आइसीएफ कोचों की उम्र 20 वर्ष निर्धारित थी।

गोरखपुर में इस तरह से हुआ है एनएमजी का निर्माण

वित्तीय वर्ष एनएमजी की संख्या

2019-20      16 2020-21      337 2021-22      10 2022-23      42 2023-24      115

चालू वित्तीय वर्ष में बनाए गए हैं इतने एनएमजी

अप्रैल में    21 मई में       8 जून में      37 जुलाई में  19 अगस्त में  28

क्या कहते हैं अधिकारी

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि आटोमोबाइल्स परिवहन में तेजी लाने के उद्देश्य से रेलवे एनएमजी हाईस्पीड वैगन बना रहा है, जिसके माध्यम से आटोमोबाइल्स वाहनों को रेलमार्ग से तीव्र गति से सुगमता से ले जाया जा रहा है। एनएमजी को गोरखपुर व इज्ज़तनगर कारखानों में बनाया जा रहा है। इन वैगनों को पुराने कन्वेंशनल कोचेस को परिवहन आवश्यकताओं के अनुरूप माडिफाइड किया जा रहा है।

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