STF Encounter: एक दशक से गोरखपुर में चलता था 'चवन्नी' का सिक्का, दिनदहाड़े चौराहों पर बरसाता था गोलियां

यूपी के जौनपुर में बदलापुर के शाहपुर गोशाला के पास भोर में हुई मुठभेड़ में एक बदमाश ढेर हो गया। मृत बदमाश की शिनाख्त मऊ के सुमित कुमार सिंह उर्फ मोनू चवन्नी के रूप में हुई। उस पर एक लाख रुपए का पुरस्कार घोषित था। चेकिंग के दौरान बदमाश पुलिस टीम पर गोलियां चला दिए थे। नतीजा चवन्‍नी मारा गया।

By Satish pandey Edited By: Vivek Shukla Publish:Wed, 03 Jul 2024 07:56 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2024 07:56 AM (IST)
STF Encounter: एक दशक से गोरखपुर में चलता था 'चवन्नी' का सिक्का, दिनदहाड़े चौराहों पर बरसाता था गोलियां
मुठभेड़ में ढेर हुआ बदमाश चवन्नी सिंह। सौ. एसटीएफ

HighLights

  • जौनपुर में एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में ढेर हुआ मऊ का बदमाश
  • जिले के बेलीपार थाने में दर्ज है जालसाजी व आर्म्स एक्ट का मुकदमा

जागरण संवाददाता,गोरखपुर। जौनपुर में एसटीएफ से हुई मुठभेड़ में ढेर हुए एक लाख रुपये के इनामी बदमाश सुमित सिंह उर्फ चवन्नी का एक दशक से जिले में सिक्का चलता था।इस बीच हुई कई बड़ी वारदात में उसका नाम सामने सामने आया लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिला।बेलीपार थाने में उसके विरुद्ध तीन मुकदमा दर्ज है।

पुलिस ने उसे जेल भेजा था। जिले कई बदमाश भी उसके संपर्क में थे। मऊ जिले के सराय लखंसी इमिलिया निवासी चवन्नी के संपर्क में तारामंडल, धर्मशाला, राजेंद्रनगर और मोहद्दीपुर, कोतवाली क्षेत्र के कई बदमाश थे। दिसंबर 2013 में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) व बेलीपार पुलिस की संयुक्त टीम ने चवन्नी सिंह गिरफ्तार किया था।

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इसके पास पास से एक नाइन एमएम की पिस्टल व आधा दर्जन कारतूस व बाइक बरामद हुई थी।पूछताछ में पता चला कि वह गोरखपुर में किसी की हत्या करने आया था।पुलिस ने आम्र्स एक्ट व जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा था।

गोरखपुर जेल में रहने के दौरान उसने बदमाशों की एक टीम बनाई जिनके संपर्क में लंबे समय तक रहा। यहां रहते हुए ही वर्ष 2016 में सीवान में पत्रकार की हत्याकांड में चवन्नी का नाम आया था। इसमें उसके साथ गोरखपुर के कोतवाली इलाके के दो बदमाश भी शामिल थे, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

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एक बड़े नेता पर लगा था शरण देने का आरोप

जिले के एक बड़े नेता पर भी चवन्नी को शरण देने का आरोप लगा था। मई 2012 में छात्र संघ चौराहे पर बाइक सवारों ने एक नेता के भाई पर गोलियां बरसाई थीं। जिसमे वह बाल-बाल बच गया था। इस घटना का बदला लेने के लिए नेता ने चवन्नी को शरण दी थी। पुलिस की जांच में भी यह बात सामने आई थी।

शराब व्यवसायी की हत्या में सामने आया था नाम

वर्ष 2014 में तारामंडल स्थित जीडीए आफिस के सामने कार से गांव जा रहे शराब व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना को बाइक सवार बदमाशों ने अंजाम दिया था। चर्चा थी कि शूटर सुमित सिंह उर्फ चवन्नी ने वारदात को अंजाम दिया था।लेकिन पुलिस ने इस मामले में नामजद आरोपितों को जेल भेजा।

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