नई रेल लाइनों मे रेलवे को घाटा, सर्वे मे खुलासा
भविष्य मे लगने वाली चपत को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने सहजनवां-दोहरीघाट और बस्ती-बांसी-कपिलवस्तु नई रेल लाइन से अपना हाथ खीचा है।
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गोरखपुर : भविष्य मे लगने वाली चपत को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने सहजनवां-दोहरीघाट और बस्ती-बांसी-कपिलवस्तु नई रेल लाइन से अपना हाथ खीचा है। रेट आफ रिटर्न (आरओआर) सर्वे ने नई रेल लाइन की शुरुआत से पहले ही घाटे की भविष्यवाणी कर दी है। आरओआर सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भविष्य मे नई रेल लाइन को यात्री ही नही मिलेगे। इसके चलते रेलवे को नुकसान उठाना पड़ सकता है। <ढ्डह्म> पिछले वर्ष इन परियोजनाओ का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मिलने के बाद रेलवे बोर्ड ने बांसगांव और बांसी क्षेत्र की जनता के बीच आरओआर सर्वे कराया था। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद रेलवे बोर्ड के भी कान खड़े हो गए। इन दोनो परियोजनाओ के आरओआर रिपोर्ट शून्य फीसद से भी कम है। जबकि कोई भी रेल परियोजना शुरू करने से पहले आरओआर रिपोर्ट कम से कम 14 फीसद होना अनिवार्य होता है। इन परियोजनाओ मे रेलवे को अभी से घाटा दिखने लगा है। यहां जान ले कि किसी भी क्षेत्र मे ट्रेन चलाने से पहले परियोजना पर अनुमानीकृत कुल लागत और संभावित आय के आधार पर आरओआर सर्वे कराया जाता है। यह सर्वे आम जनता के बीच होता है। लोगो की राय के आधार पर ही रिपोर्ट तैयार की जाती है। <ढ्डह्म> ---<ढ्डह्म> महराजगंज और बखिरा <ढ्डह्म> रेल लाइन पर भी ग्रहण!<ढ्डह्म> पूर्वोलार रेलवे की दो और महत्वपूर्ण परियोजनाओ घुघली-महराजगंज-आनंदनगर (50 किमी) और खलीलाबाद- बखिरा-बासी-बहराइच-भिगा (120 किमी) पर भी ग्रहण लग सकता है। इन दोनों परियोजनाओ का आरओआर रिपोर्ट भी शून्य से कम है। यानी, यह परियोजनाएं भी भविष्य मे रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित होगी। पूर्वोलार रेलवे प्रशासन ने इन परियोजनाओ का भी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। सूत्रो के अनुसार बोर्ड ने अगर घाटा उठाकर भी इन परियोजनाओ को पास कर दिया तो क्षेत्र के लोगो को शानदार सौगात होगी। नही तो इन्हे भी जल्द ही खारिज कर दिया जाएगा।