अब कानपुर से गाजियाबाद के बीच 130 की रफ्तार से चलेगी हमसफर एक्सप्रेस

रेलवे बोर्ड की महत्वपूर्ण अति आधुनिक हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन अब कानपुर से गाजियाबाद के बीच 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Tue, 22 May 2018 09:12 PM (IST) Updated:Tue, 22 May 2018 09:13 PM (IST)
अब कानपुर से गाजियाबाद के बीच 130 की रफ्तार से चलेगी हमसफर एक्सप्रेस
अब कानपुर से गाजियाबाद के बीच 130 की रफ्तार से चलेगी हमसफर एक्सप्रेस

गोरखपुर (जेएनएन)। रेलवे बोर्ड की महत्वाकांक्षी और पूर्वोत्तर रेलवे की महत्वपूर्ण अति आधुनिक हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन अब कानपुर से गाजियाबाद के बीच 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। सीआरएस परीक्षण के बाद उत्तर मध्य रेलवे ने ट्रैक पर रफ्तार बढ़ाने के लिए अपनी अनुमति प्रदान कर दी है। रफ्तार बढऩे के साथ ही ट्रेन के लेट होने की संभावना भी कम हो जाएगी। इससे लोग समय से अपने गंतव्य तक पहुंचेंगे।

रेलवे बोर्ड ने हमसफर एक्सप्रेस की गति पूर्वोत्तर रेलवे रूट पर यानी गोरखपुर से बाराबंकी तक 110 किमी प्रति घंटे तथा उत्तर मध्य रेलवे रूट पर कानपुर से गाजियाबाद तक 130 किमी प्रति घंटे निर्धारित की थी। पूर्वोत्तर रेलवे रूट पर तो यह ट्रेन अपने निर्धारित गति से दौड़ रही थी, लेकिन कानपुर-गाजियाबाद के बीच इसकी रफ्तार नहीं बढ़ पा रही थी। उत्तर मध्य रेलवे सीआरएस (रेल संरक्षा आयुक्त) परीक्षण का हवाला देते हुए रफ्तार बढ़ाने की अनुमति नहीं दे रहा था। जिसके चलते अक्सर यह ट्रेन कानपुर और गाजियाबाद के बीच मुंबई व दक्षिण वाली महत्वपूर्ण ट्रेनों के बीच फंसकर रह जाती थी। आए दिन यह ट्रेन बाराबंकी में विलंब से पूर्वोत्तर रेलवे को मिल रही थी। बोर्ड के दिशा-निर्देश पर उत्तर रेलवे ने आनन-फानन सीआरएस परीक्षण कर हमसफर के लिए 130 किमी प्रति घंटा निर्धारित कर दी है। दरअसल, यह ट्रेन जब से चली कभी समय से अपने गंतव्य तक नहीं पहुंची। कई बार तो ऐसा हुआ कि माह में यह ट्रेन एक दिन भी समय से गंतव्य तक नहीं पहुंची। सामान्य से डेढ़ गुना अधिक किराया देने के बाद भी लोग समय से दिल्ली नहीं पहुंच पा रहे थे। लोगों की शिकायतें बढ़ती जा रही थीं। 16 दिसंबर 2016 को गोरखपुर से आनंदविहार के बीच देश की पहली हमसफर एक्सप्रेस चली थी। पहले यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन चल रही थी। पांच मई 2018 से यह हर दिन चल रही है। बस्ती के रास्ते तीन और बढऩी के रास्ते चार दिन चल रही है। 

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