रेलवे का तुगलकी फरमान, आराम के नाम पर कर्मचारियों के भाेजन पर लगाम- स्टाफ के रनिंग रूम से बाहर निकलने पर रोक

पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने एक ऐसा आदेश जारी किया है जिससे रेलवे में हंगामा मच गया है। इस आदेश में रनिंग स्टाफ के रनिंग रूम से बाहर जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसपर रेलवे के कर्मचारी संगठनों ने आपत्ति जताई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 04 May 2022 12:18 AM (IST) Updated:Wed, 04 May 2022 07:45 AM (IST)
रेलवे का तुगलकी फरमान, आराम के नाम पर कर्मचारियों के भाेजन पर लगाम- स्टाफ के रनिंग रूम से बाहर निकलने पर रोक
रेलवे ने अपने रनिंग स्टाफ को रनिंग रूम से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। रनिंग स्टाफ (लोको पायलट और गार्ड) के मनपसंद चाय, नाश्ता और भोजन पर लगाम लग गया है। गंतव्य पर ट्रेन से उतरने के बाद उन्हें रनिंग रूम में तैयार खानपान के भरोसे ही रहना पड़ेगा। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने रनिंग स्टाफ के रनिंग रूम से बाहर जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। कर्मचारी संगठनों ने इसका विरोध किया है। कर्मचारी संगठनों ने इस विषय को रेलवे बोर्ड के सामने उठाने का निर्णय लिया है।

बाहर से राशन खरीदने की भी छूट नहीं, नए निर्देश को लेकर स्टाफ और संगठनों में रोष

नई व्यवस्था के तहत प्रवेश के बाद रनिंग स्टाफ को वापस ट्रेन ले जाने के लिए ही रनिंग रूम से निकलने की अनुमति होगी। बीच में उन्हें निर्धारित समय तक रनिंग रूम में ही विश्राम करना होगा। चाय, नाश्ता और भोजन करने के अलावा राशन व अन्य की खरीदारी के लिए भी वे बाहर नहीं जा सकेंगे। प्रथम चरण में रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर, गोंडा, चारबाग, सीतापुर और मैलानी स्थित रनिंग रूम में यह व्यवस्था लागू कर दी है। गोरखपुर, गोंडा, चारबाग और सीतापुर के रनिंग रूम में बने चाय, नाश्ता और भोजन का उपभोग करना होगा। मैलानी रनिंग रूम में अपने साथ ही राशन और सब्जी लेकर आना होगा।

बिना लिखित अनुमति नहीं निकल सकते बाहर

विशेष परिस्थिति में रनिंग रूम से बाहर जाने के लिए रनिंग रूम प्रभारी से लिखित अनुमति लेनी होगी। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए सहायक मंडल यांत्रिक इंजीनियर (पावर) ने सभी रनिंग रूम प्रभारियों को निर्देशित कर दिया है। साथ ही कहा कि मांगने पर रनिंग स्टाफ को तत्काल चाय उपलब्ध कराया जाए। रनिंग रूम प्रभारी रनिंग स्टाफ के भरपूर विश्राम को भी सुनिश्चित करेंगे, जिससे रास्ते में उन्हें झपकी न आए। नए निर्देश को लेकर रनिंग स्टाफ में रोष है। उनका आरोप है कि रनिंग रूम में गुणवत्तायुक्त नाश्ता और भोजन नहीं मिलता है।बैग में राशन और सब्जी लेकर कबतक ढोएंगे। अक्सर रनिंग रूम में 10 से 12 घंटे तक रुकना पड़ जाता है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महामंत्री केएल गुप्ता का कहना है कि यह रनिंग स्टाफ का उत्पीड़न है।

बोर्ड के सामने रखा जाएगा यह आदेश

इस तुगलकी फरमान को महाप्रबंधक व बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के संयुक्त महामंत्री एके सिंह कहते हैं कि रनिंग स्टाफ का कालमैन छिन गया। पोर्टर हट गए हैं। लाइन बाक्स भी नहीं मिल रहा। अब नाश्ता और भोजन पर भी पहरा बैठ गया है। संघ इस प्रकरण को लेकर जल्द आंदोलन की घोषणा करेगा। जान लें कि रनिंग रूम में रनिंग स्टाफ को पांच रुपये में चाय, नाश्ता और भोजन मिलता है। कुछ रनिंग रूप में राशन देने पर नाश्ता और भोजन की व्यवस्था की जाती है।

रनिंग रूम में रनिंग स्टाफ आन डयूटी होते हैं। उनके लिए रनिंग रूम में ही चाय, नाश्ता और भोजन की व्यवस्था रहती है। नियम के तहत उन्हें बाहर जाने से रोकने के साथ पूरा विश्राम करने के लिए निर्देशित किया गया है। ताकि संरक्षा प्रभावित न हो। - डा. मोनिका अग्निहोत्री, मंडल रेल प्रबंधक- लखनऊ मंडल।

chat bot
आपका साथी