रेलवे यात्रियों को अब इस तरह की बोतलों में मिलेगा रेलनीर, जानें-क्‍या है विशेषता Gorakhpur News

आइआरसीटीसी ने रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेनों में यात्रियों को बॉयोडिग्रीडेबल बोतल में रेलनीर मुहैया कराने की कवायद शुरू कर दी है। अभी इस बोतल में तेजस के यात्रियों को पानी मिल रहा है

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Mon, 07 Oct 2019 09:28 PM (IST) Updated:Tue, 08 Oct 2019 09:00 PM (IST)
रेलवे यात्रियों को अब इस तरह की बोतलों में मिलेगा रेलनीर, जानें-क्‍या है विशेषता  Gorakhpur News
रेलवे यात्रियों को अब इस तरह की बोतलों में मिलेगा रेलनीर, जानें-क्‍या है विशेषता Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे अब अपने यात्रियों को बॉयोडिग्रीडेबल बोतल में पानी पिलाएगा। यात्रियों को कोई विशेष राहत तो नहीं मिलेगी लेकिन पर्यावरण संरक्षित होगा। प्रकृति को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। बॉयोडिग्रीडेबल बोतल जैव अवकर्षण या जैव निम्नीकारक प्लास्टिक से बनेगा। जो कचरा में शामिल होने के बाद धीरे-धीरे मिट्टी या खाद के रूप में परिवर्तित हो जाएगा।

अभी सिर्फ तेजस के यात्रियों को मिल रहा यह पानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर दो अक्टूबर से भारतीय रेलवे में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी लगने के बाद इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आइआरसीटीसी) ने अहम कदम उठाया है। आइआरसीटीसी ने रेलवे स्टेशनों पर और ट्रेनों में यात्रियों को बॉयोडिग्रीडेबल बोतल में रेलनीर मुहैया कराने की कवायद शुरू कर दी है। फिलहाल, लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली के बीच चलने वाली कॉरपोरेट तेजस एक्सप्रेस के यात्रियों को बॉयोडिग्रीडेबल बोतल में ही रेलनीर उपलब्ध कराया जा रहा है। आने वाले दिनों में सभी ट्रेनों और स्टेशनों पर बॉयोडिग्रीडेबल बोतल में ही रेलनीर उपलब्ध होगा। जानकारों के अनुसार गोरखपुर में ही रोजाना लगभग आठ हजार पानी की बोतलें प्रयोग में लाई जाती हैं। रेलवे में रेलनीर अनिवार्य है। इसकी अनुपलब्धता पर अधिकृत ब्रांडेड पानी की बोतलों की बिक्री होती है। गोरखपुर के अलावा लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या, फैजाबाद, शाहजहांपुर सहित अन्य छोटे स्टेशनों पर अमेठी प्लांट से रेलनीर की सप्लाई होती है।

इन प्लांटों में तैयार होगा बॉयोडिग्रीडेबल रेल नीर

नंग्लोई नई दिल्ली, दानापुर पटना, पालूर चेन्नई, अंबरनाथ महाराष्ट्र, अमेठी उत्तर प्रदेश, परसल्ला केरला, बिलासपुर छत्तीसगढ़, हापुड़ उत्तर प्रदेश, सानंद अहमदाबाद, मंडीदीप भोपाल, नागपुर के प्‍लांटों में बॉयोडिग्रीडेबल रेल नीर तैयार होगा।

दूसरी बार के प्रयोग में फट जाएगी बोतल

जानकारों के अनुसार बॉयोडिग्रीडेबल रेलनीर की बोतल दूसरी बार के प्रयोग पर फट जाएगी। कहीं भी फेंकने पर मिट्टी के संपर्क में आते ही खाद या मिट्टी बन जाएगी।

पायलट प्रोजेक्‍ट के तहत हो रहा प्रयोग

आइआरसीटीसी के मुख्‍य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्‍तव का कहना है कि बॉयोडिग्रीडेबल भी देखने में सामान्य रेलनीर की तरह ही है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसका प्रयोग शुरू है। प्रयोग सफल रहा तो भारतीय रेलवे स्तर पर इसका विस्तार किया जाएगा।  

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