कहने को मॉडल स्टेशन, पीने का शुद्ध पानी तक नहीं

स्थानीय रेलवे स्टेशन को मॉडल स्टेशन का बेशक दर्जा प्राप्त हो, लेकिन यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। स्टेशन पर यात्रियों को पीने का शुद्ध पानी और बैठने के लिए बेंचों तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट जारी होता है, लेकिन उसके बाद भी टिन शेड की लंबाई नहीं बढ़ाई गई। यात्री गर्मी और बरसात में जूझते हुए दिखाई देते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Oct 2018 03:50 PM (IST) Updated:Fri, 05 Oct 2018 03:50 PM (IST)
कहने को मॉडल स्टेशन, पीने का शुद्ध पानी तक नहीं
कहने को मॉडल स्टेशन, पीने का शुद्ध पानी तक नहीं

जागरण संवाददाता, हापुड़ : स्थानीय रेलवे स्टेशन को मॉडल स्टेशन का बेशक दर्जा प्राप्त हो, लेकिन यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। स्टेशन पर यात्रियों को पीने का शुद्ध पानी और बैठने के लिए बेंचों तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए हर साल करोड़ों रुपये का बजट जारी होता है, लेकिन उसके बाद भी टिन शेड की लंबाई नहीं बढ़ाई गई। यात्री गर्मी और बरसात में जूझते हुए दिखाई देते हैं।

मुरादाबाद मंडल का हापुड़ स्टेशन मॉडल स्टेशन की श्रेणी में आता है। इस स्टेशन पर प्रतिदिन तीन दर्जन से अधिक रेलगाड़ियों का ठहराव होता है। जबकि दो दर्जन रनथ्रू एक्सप्रेस गुजरती है। इन सभी ट्रेनों में बीस से तीस हजार यात्री प्रतिदिन सफर करता है। इन यात्रियों से औसतन पांच से दस लाख रुपये की कमाई टिकट बिक्री के माध्यम से रेलवे को प्राप्त होती है। इतनी कमाई होने के बाद भी यात्रियों को सुविधाओं का नहीं मिलना हमेशा उनकी सबसे बड़ी परेशानी रहा है।

स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए कुछ समय पहले वाटर वे¨डग मशीन लगाई गई थी। यह मशीन कुछ दिन ठीक चलने के बाद करीब सात महीने से मशीन पूरी तरह से बंद पड़ी है। इसलिए यात्रियों को शुद्ध पानी तक उपलब्ध नहीं हो रहा है। हालांकि रेलवे स्टेशन पर पानी की सप्लाई हो रही है। वाटर वे¨डग मशीन बंद होने से यात्रियों को बोतल बंद पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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- टिन शेड की लंबाई बढ़े तो बने बात-

रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म संख्या-एक पर पर्याप्त मात्रा में टिन शेड है। जबकि दो, तीन, चार और पांच नंबर पर टिन शेड काफी छोटी है। ऐसे में यात्री गर्मी और बरसात के दिनों में हमेशा इन प्लेटफार्मों पर जूझते रहते हैं।

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- यात्रियों की प्रमुख समस्याएं-

* रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या के सापेक्ष बैठने की बेंच तक उपलब्ध नहीं है।

* ट्रेनों का अचानक से प्लेटफार्म बदलना आम बात है।

* सैकड़ों यात्री पानी के साथ साथ शौचालय की समस्या से भी होते है दो चार।

* स्टेशन पर पानी की सप्लाई वाले पानी से प्यास बुझाने को मजबूर होते हैं यात्री। क्या कहते हैं यात्री

रेलवे स्टेशन पर वेंडिग मशीन कई माह से खराब पड़ी है। यात्रियों को काफी दिक्कत होती है। रेलवे अधिकारियों को इस ओर गंभीर होना पड़ रहा है। शिवकुमार गर्ग

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रेलवे अधिकारियों को बैंच की व्यवस्था करानी चाहिए। यात्रियों को काफी दिक्कत होती है। अजय कुमार

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मॉडल स्टेशन होने के बाद भी यात्रियों को काफी दिक्कत हो रही है। यात्रियों की समस्या का प्राथमिकता के आधार पर समाधान कराया जाए। जय कुमार - क्या कहते है मंडल रेल प्रबंधक-

समय-समय पर यात्रियों की सुविधाओं को स्टेशन पर बढ़ाया जाता है। इसी माह से रेलवे में काफी सुधार होना है। जिन स्टेशन पर सुविधाओं की कमी है, वहां पर सुविधा बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

---एके ¨सघल, मंडल रेल प्रबंधक।

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