बदहाल रेलवे स्टेशन, मुश्किल में रेल यात्री

जागरण संवाददाता, जौनपुर: तमाम घोषणाओं के बीच रेलवे स्टेशनों की सूरत में कोई बदलाव नह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 08 Jul 2018 11:11 PM (IST) Updated:Sun, 08 Jul 2018 11:11 PM (IST)
बदहाल रेलवे स्टेशन, मुश्किल में रेल यात्री
बदहाल रेलवे स्टेशन, मुश्किल में रेल यात्री

जागरण संवाददाता, जौनपुर: तमाम घोषणाओं के बीच रेलवे स्टेशनों की सूरत में कोई बदलाव नहीं आया। बदहाल रेलवे स्टेशनों के बीच यात्री भारी परेशानियों के बीच सफर करने को मजबूर हैं। जौनपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन पर निर्माण के दौरान प्लेटफार्म संख्या एक पर मिट्टी डाल दी गई है। सिटी स्टेशन भी रात होते ही अंधेरे में डूब जाता है। सभी प्रमुख स्टेशनों से रेलवे को भारी-भरकम राजस्व की प्राप्ति भले हो रही हो, लेकिन यात्री सुविधाओं की ओर ध्यान किसी का नहीं है।

जौनपुर जंक्शन से रोजाना तकरीबन पांच हजार यात्री सफर करते हैं, जबकि 40 से 50 ट्रेनों का संचालन होता है। स्टेशन पर यात्रियों का दबाव तो बढ़ा, लेकिन सुविधाएं नहीं। स्टेशन पर जहां यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सियों का अभाव है, वहीं प्लेटफार्म संख्या 2 पर लगे टोटी से पानी नहीं आता। सिटी स्टेशन भी सुविधाओं की कसौटी पर खरा नहीं है। शाम होते ही स्टेशन परिसर अंधेरे में डूब जाता है, जिससे यात्रियों को ट्रेनों में सवार होने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

जफराबाद स्टेशन: जफराबाद स्टेशन चार रूटों का केंद्र है। फैजाबाद, सुल्तानपुर वाराणसी व इलाहाबाद के लिए ट्रेनें यहीं से होकर गुजरती हैं। बावजूद इसके यात्री सुविधाओं की ¨चता किसी को नहीं है। शाम होते ही स्टेशन अंधेरे में डूब जाता है। प्लेटफार्म संख्या एक पर रखा जनरेटर शो-पीस बना हुआ है। प्लेटफार्म संख्या 1,2,3 पर लगी पेयजल टोटियां टूटी पड़ी हैं, जिससे बड़े पैमाने पर पानी बर्बाद होता है। यहां पर बने शौचालय का उपयोग सफाई के अभाव में नहीं हो पाता। रेलवे स्टेशन पर बना ओवरब्रिज भी बीते सात माह से टूटा है। स्टेशन अधीक्षक कौशल किशोर सेठ ने बताया कि जनरेटर डीजल के अभाव में नियमित रूप से नहीं चल पाता। उन्होंने टूटे ओवरब्रिज को ठीक कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को कई बार पत्र लिखे जाने की बात कही। जंघई रेलवे स्टेशन: ए श्रेणी के जंघई रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। यहां न तो यात्रियों के बैठने के लिए व्यवस्था है और न ही पेयजल की। पूछताछ काउंटर अक्सर बंद रहने की वजह से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सुविधाओं में विस्तार को लेकर करोड़ों रुपये के बजट का भी कुछ अता-पता नहीं। स्टेशन परिसर में लगे नल सूखे पड़े हैं। शाम होते ही स्टेशन परिसर अंधेरे में डूब जाता है। इससे कई बार यात्री दुर्घटना के शिकार भी हो चुके हैं। श्रीकृष्णनगर रेलवे स्टेशन: श्रीकृष्णनगर स्टेशन पर पानी की टोटी शो-पीस बनी है तो तीन हैंडपंप भी खराब पड़े हैं। यात्री प्रतीक्षालय के टिन शेड भी आई आंधी में उड़ गए थे जो आज तक नहीं लग सके। उक्त रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन तकरीबन सात सौ यात्री सफर करते हैं। प्लेटफार्म एक व दो पर दो हैंडपंप खराब हैं, जिससे यात्रियों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। स्टेशन अधीक्षक परमेश्वर कुमार ने बताया कि कुछ अराजकतत्वों की ओर से स्टेशन की व्यवस्था को चौपट किया जा रहा है। तमगा औद्योगिक क्षेत्र के स्टेशन का, सुविधाएं नदारद: सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र के निकटवर्ती मुंगराबादशाहपुर रेलवे स्टेशन बदहाल स्थिति में हैं। स्टेशन का प्लेटफार्म जर्जर अवस्था में है। यात्रियों के न तो बैठने का स्थान है और न ही पेयजल का इंतजाम। स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर कई बार आंदोलन करने के बाद भी हालात नहीं बदले। स्टेशन का हाल देख दूरदराज से पहुंचने वाले उद्यमी भी निराश हो जाते हैं। यही वजह है कि तमाम प्रयास के बाद भी औद्योगिक क्षेत्र में व्यापारी नया उद्योग लगाने से कतरा रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र के नजदीकी स्टेशन का बदहाल हाल कई सवाल खड़े कर रहा है। आय में अव्वल, सुविधाओं में फिसड्डी

शाहगंज स्टेशन पर भी सुविधाए नदारद है। यहां से रोजाना तकरीबन चार से पांच हजार यात्री सफर करते हैं। यहां से तकरीबन 50 ट्रेनों का संचालन होता है, बावजूद इसके यात्री सुविधाओं की ओर गंभीरता नहीं बरती जा रही है। बेहतर बनाने को लेकर वें¨टग रूम गिरा तो दिया गया, लेकिन इससे बनाने की ओर ध्यान किसी का नहीं है। वें¨टग हाल नहीं होने की वजह से यात्री धूप व बारिश में बैठने को मजबूर हैं। स्टेशन परिसर में साफ-सफाई का भी किसी को ध्यान नहीं है। इस बाबत स्टेशन अधीक्षक आरपी राम ने कहा कि खराब पड़े हैंडपंप और टोटियों को ठीक कराने के संबंध में चिट्ठी लिखी गई है। इसे जल्द ही ठीक कराया जाएगा। यात्री प्रतीक्षालय को भी उन्होंने जल्द से जल्द दुरुस्त कराने की बात कही। डोभी स्टेशन भी बदलाहल: औड़िहार-जौनपुर रेल प्रखंड पर पड़ने वाला डोभी रेलवे स्टेशन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। स्टेशन पर पानी, शौचालय जैसी मूलभूत चीजों का अभाव है। स्टेशन परिसर के आस-पास लगे बल्ब चोरी हो चुके हैं। स्टेशन पर सुरक्षा के नाम किसी प्रकार के इंतजाम नहीं। बरसठी रेलवे स्टेशन: बरसठी रेलवे स्टेशन का भी बुरा हाल है। स्टेशन पर यात्रियों के बैठने का कोई इंतजाम नहीं है। महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बख्शा स्टेशन पर भी सुविधाओं का अभाव : बख्शा रेलवे स्टेशन पर भी सुविधाओं का अभाव है। खराब पड़े हैंडपंप की वजह से भीषण गर्मी में यात्रियों को भारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर चार हैंडपंप लगे हैं, जो खराब पड़े हैं। वर्षो पूर्व बने शौचालय पूरी तरह टूट कर स्वच्छता अभियान का मखौल उड़ा रहे हैं। स्टेशन पर सुल्तानपुर से वाराणसी तक आने जाने वाली पैसेंजर ट्रेन ही रुकती है, जिसमे यात्रियों की अच्छी खासी भीड़ रहती है। स्टेशन परिसर पूरी तरह खुले में होने से बारिश के महीनों में यात्रियों को भारी फजीहत होती है।

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