पिता के नक्श-ए-कदम पर चलकर मंत्री पद तक पहुंचे अजीत पाल Kanpur News
केमिकल इंजीनियरिंग छोड़कर पिता की राजनीतिक विरासत संभालते हुए उपचुनाव में सिकंदरा विधानसभा से जीत दर्ज की थी।
कानपुर, जेएनएन। भाजपा विधायक मथुरा पाल के निधन के बाद बेटे अजीत पाल ने पिता की विरासत को बखूबी संभाला और उनके नक्शे कदम पर चलते हुए राज्यमंत्री तक का सफर तय कर लिया है। उनके राज्यमंत्री बनाये जाने पर क्षेत्रीय लोगों ने मिठाई बांट कर अपना खुशी का इजहार किया।
अकबरपुर तहसील के मैदूपुर में जन्मे भाजपा विधायक अजीत पाल सिंह ने कानपुर में केंद्रीय विद्यालय से इंटरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वह पढ़ाई के लिए रूस चले गए और एमबीए, बीटीके, एमटेक करने के बाद भारत लौटे। यहां हैदराबाद में बतौर केमिकल इंजीनियर तीन साल तक नौकरी की। इसके बाद आस्ट्रेलिया चले गए और करीब 10 साल तक रहे। छुट्टी के दौरान वह घर आते तो पिता के साथ रह कर लोगों के दुख दर्द बांटते थे। वर्ष 2017 के चुनाव में सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र से मथुरा प्रसाद पाल भाजपा से विधायक चुने गए। उस समय चुनाव संचालन की व्यवस्था अजीत पाल ने ही देखी थी।
कुछ समय बाद बीमारी के चलते मथुरा प्रसाद पाल का निधन हो गया। सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भाजपा ने अजीत पाल को टिकट देकर मैदान में उतारा। पिता के चुनाव में जनता के बीच लोकप्रियता हासिल कर चुके अजीत पाल ने जीत दर्ज की। बुधवार को प्रदेश सरकार में अजीत पाल को राज्यमंत्री बनाए जाने पर क्षेत्रीय लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। गांव धरमपुर, लाडपुर, जलिहापुर आदि गांवों में लोगों ने मिठाई बांटी। लोगों ने क्षेत्र में अधिक विकास होने की उम्मीद जताई है।