IIT Kanpur: मानव रहित हवाई वाहन और ड्रोन के 20 स्टार्टअप को आइआइटी देगा 'उड़ान', 10 लाख तक मिलेगी आर्थिक मदद
आइआइटी कानपुर के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआइआइसी) ने ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहनों के विकास अनुसंधान और निर्माण के लिए 20 स्टार्टअप को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना के तहत हर साल ऐसे 20 स्टार्टअप चुने जाएंगे जिन्हें 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता और आइआइटी के ड्रोन उत्कृष्टता केंद्र के विशेषज्ञों की तकनीकी मदद भी मिलेगी।
जागरण संवाददाता, कानपुर। आइआइटी, कानपुर के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआइआइसी) ने ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहनों के विकास, अनुसंधान और निर्माण के लिए 20 स्टार्टअप को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना के तहत हर साल ऐसे 20 स्टार्टअप चुने जाएंगे जिन्हें 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता और आइआइटी के ड्रोन उत्कृष्टता केंद्र के विशेषज्ञों की तकनीकी मदद भी मिलेगी।
स्टार्टअप दावेदारों से 20 जून तक आवेदन मांगे गए हैं। आइआइटी स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के प्रभारी प्रो. अंकुश शर्मा ने बताया कि ड्रोन एवं मानव रहित हवाई वाहनों के लिए यूएवी-यूएएस-ड्रोन एक्सेलेरेशन एंड नेटवर्किंग (यूडीएएन- उड़ान) उड़ान प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है।
भारत में स्टार्टअप का भविष्य बहुत अच्छा
इस परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर संचालित आइआइटी के ड्रोन एक्सीलेंस सेंटर और ड्रोन फेडरेशन आफ इंडिया (डीएफआइ) का सहयोग प्राप्त है। यह परियोजना भारत में ड्रोन स्टार्टअप के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी।
यूपी में डिफेंस कारिडोर विकास के तहत भी ऐसे स्टार्टअप का भविष्य बहुत अच्छा है। ड्रोन उत्कृष्टता केंद्र के प्रभारी प्रो. अभिषेक ने बताया कि चुने गए स्टार्टअप को एक्सीलेंस सेंटर के साथ ही विशेषज्ञ सलाह भी मिल सकेगी।
ड्रोन एवं यूएवी अनुसंधान का है एक्सीलेंस सेंटर
आइआइटी का ड्रोन एक्सीलेंस सेंटर उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता से स्थापित किया गया है। यह केंद्र मानव रहित हवाई वाहनों के उपयोगकर्ताओं, विकासकर्ताओं, शोधकर्ताओं, निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
इस केंद्र के पास अपनी अत्याधुनिक हेलीकाप्टर और वीटीओएल प्रयोगशाला, डीजीसीए -नागर विमानन महानिदेशालय से अनुमोदित उड़ान परीक्षण क्षेत्र है जिसका एक किमी का रनवे है जहां ड्रोन एवं यूएवी का परीक्षण किया जाता है। इसके अलावा केंद्र के पास नेशनल विंड टनल यानी राष्ट्रीय पवन सुरंग सुविधा भी है।