Indian Railway News: रेलवे एक्ट में पटरी पार करना भी है जुर्म, जानिए- कुछ सख्त नियम और सजा
रेलवे एक्ट में गंभीर सजा का भी प्रावधान किया गया है इसमें रेल रोकने पर 14 वर्ष की सजा हो सकती है और सेवन सीएलए सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इसके अलावा भी सभी जगह पर ट्रैक क्रास नहीं किया जा सकता है।
कानपुर, जेएनएन। रेलवे एक्ट में सजा का भी प्रावधान है, जो रेलवे परिसर के अंदर छोटे-छोटे अपराध करने पर सलाखों के पीछे भेज सकता है। चेन खींचना, लाइन पार करना, रेलवे में गंदगी फैलाना जैसे कई अपराध हैं जिसमें सजा के साथ जुर्माना भी हो सकता है। दूसरी ओर जबरदस्ती रेल रोकना बड़ा अपराध है, जिसकी सजा भी बड़ी है। विरोध-प्रदर्शन के लिए रेल को भी निशाना बनाया जाता है। रेल रोक दी जाती है। रेलवे एक्ट के तहत ऐसा करने पर दर्ज मुकदमे में 14 साल तक कैद हो सकती है।
आरपीएफ इंस्पेक्टर पीके ओझा ने बताया कि बीते वर्ष चेन खींचना, लाइन यानि ट्रैक या पटरी पार करना, रेलवे में गंदगी फैलाना जैसे अपराधों में करीब 1013 मामलों में कार्रवाई की, जिनमें आरोपितों को प्रयागराज कोर्ट में पेश किया गया जहां उन पर जुर्माना लगा। ट्रेन रोकने जैसी घटना को अंजाम देने वालों पर सेवन सीएलए समेत आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाता है जिसमें दोषी पाए जाने पर 14 साल तक कैद की सजा हो सकती है।
किस अपराध में कितनी सजा
रेलवे एक्ट 1989 के तहत रेल अथवा रेलवे परिसर में होने वाले अपराधों पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसके लिए कुछ चर्चित धाराएं हैं जिसमें आरपीएफ कार्रवाई करती है।