यूपी के इस जिले में दो हजार करोड़ की लागत से बनेगा खास पार्क, सीएम योगी ने दिए हैं निर्देश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लखीमपुर जिले में बायो प्लास्टिक पार्क की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इस प्रोजेक्ट में 2000 करोड़ की लागत का अनुमान है जिसे बलरामपुर चीनी मिल फर्म द्वारा बनाया जाएगा। बायो प्लास्टिक पार्क की स्थापना का उद्देश्य पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav Publish:Fri, 28 Jun 2024 10:44 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jun 2024 10:44 PM (IST)
यूपी के इस जिले में दो हजार करोड़ की लागत से बनेगा खास पार्क, सीएम योगी ने दिए हैं निर्देश
1000 हेक्टेयर में पार्क बनाए जाने का प्रोजेक्ट।

HighLights

  • गोला गोकर्णनाथ में बलरामपुर चीनी मिल स्थापित करेगी पार्क
  • मुख्यमंत्री ने परियोजना को जल्द पूरा करने के दिए निर्देश

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बायो प्लास्टिक के निर्माण के जरिए पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने की कोशिशों में जुटी योगी सरकार प्रदेश में दो हजार करोड़ रुपये की लागत से बायो प्लास्टिक पार्क की स्थापना करने जा रही है। 

लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ तहसील के कुम्भी गांव में 1000 हेक्टेयर में स्थापित होने वाले इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं। इस पार्क को बलरामपुर चीनी मिल फर्म द्वारा बनाया जाएगा। पार्क के विकास के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नोडल बनाया गया है।

पर्यावरणीय समस्याओं का होगा समाधान

बायो प्लास्टिक पार्क के विकास से बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा और क्षेत्र में कई अन्य सहायक उद्योग भी स्थापित हो सकेंगे। इस पार्क में प्लास्टिक से जुड़ी विभिन्न तकनीक का विकास और अध्ययन भी किया जाएगा। 

पार्क में वैज्ञानिक अनुसंधान होंगे, जिससे प्लास्टिक का प्रभावी उपयोग होगा और नए तकनीकी उत्पाद विकसित किए जा सकेंगे। इसके जरिए प्लास्टिक से पैदा होने वाली पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान भी निकाला जा सकेगा।

बायोप्लास्टिक क्या होता है? 

बायोप्लास्टिक वह प्लास्टिक है जो बायोमास (कार्बनिक पदार्थ) जैसे मक्का, सूरजमुखी या शक्कर के कणों से बनाया जाता है। इसे प्राकृतिक प्लास्टिक भी कहा जाता है। यह तेजी से विघटित हो जाता है, जिससे पर्यावरण में प्रदूषण का प्रभाव कम होता है। इसका उपयोग पैकेजिंग, रेडीमेड वस्त्र, इलेक्ट्रानिक्स और अन्य औद्योगिक उत्पादों में किया जा सकता है। 

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