BNS Act: एक जुलाई से बीएनएस के तहत दर्ज होगी एफआईआर, एक से ज्यादा चोरी करने वाले को मिलेगी इतनी सजा
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि पहली जुलाई से नई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएंगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। बीएनएस के तहत कई अपराधों की धाराओं और सजाओं में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही ई-साक्ष्य एप बनाया है इससे माध्यम से अपराध होने पर घटनास्थल की वीडियोग्राफी भी किए जाने की सुविधा पुलिस को उपलब्ध करवा दी गई है।
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HighLights
- ई-साक्ष्य एप से घटनास्थल की होगी वीडियोग्राफी
- पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण सहित सारी तैयारियां पूरी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा है कि पहली जुलाई से नई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएंगी। पुलिस ने इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पहली जुलाई से कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) को लागू कर दिया जाएगा। सभी थानों में बीएनएस की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होगी। पुलिस की ओर से नई धाराओं के व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जा रहा है।
डीजीपी ने बताया कि ई-साक्ष्य एप बनाया है, इससे माध्यम से अपराध होने पर घटनास्थल की वीडियोग्राफी भी किए जाने की सुविधा पुलिस को उपलब्ध करवा दी गई है।
अदालतों में ई-साक्ष्य को भी सबूत के तौर पर पेश किया जा सकेगा। नए कानूनों में महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है। दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के मामलों की जांच दो माह में पूरी की जाएगी। साथ ही पीड़ित को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति की जानकारी लेने का अधिकार प्राप्त होगा।
विदेश में बैठे अपराधियों को भी बनाया जाएगा आरोपी
उन्होंने बताया कि अपराध में लिप्त होने पर विदेशों में रहने वालों को भी आरोपी बनाया जा सकेगा। वहीं किसी बच्चे अपराध में लिप्त कराने वाले को तीन से 10 वर्ष तक की सजा की व्यवस्था की गई है।
भीड़ द्वारा मूल वंश, जाति, समुदाय, लिंग व अन्य आधार पर किसी व्यक्ति की हत्या पर आजीवन कारावास से मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। वहीं एक से ज्यादा बार चोरी करने वालों को पांच वर्ष तक की सजा की व्यवस्था की गई है।
साथ ही एफआईआर की प्रति अब पीड़ित को भी मुफ्त दी जाएगी। दुष्कर्म व एसिड अटैक के मामलों में पीड़िता का बयान महिला मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया जाएगा।
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