Ayush College Admission Scam: संदेह के घेरे में पूर्व आयुष मंत्री की भूमिका, CBI जांच से बढ़ सकती है मुश्किलें

Ayush College Admission Scam आयुष कालेजों में एडमिशन घोटाले में तत्कालीन आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा धर्म सिंह सैनी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। वह भाजपा छोड़ सपा में चले गए थे। सीबीआइ जांच शुरू होने पर सैनी की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

By Alok MishraEdited By: Publish:Tue, 08 Nov 2022 09:33 PM (IST) Updated:Wed, 09 Nov 2022 12:02 AM (IST)
Ayush College Admission Scam: संदेह के घेरे में पूर्व आयुष मंत्री की भूमिका, CBI जांच से बढ़ सकती है मुश्किलें
Ayush College Admission Scam: सीबीआइ जांच की सिफारिश के बाद आयुष कालेजों के 891 छात्र निलंबित

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के आयुष कालेजों में हुए फर्जी प्रवेश के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रकरण की सीबीआइ जांच की सिफारिश किए जाने के बाद आयुष कालेजों में पिछले शैक्षिक सत्र-2021 में फर्जी ढंग से प्रवेश पाने वाले 891 छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। बीते दिनों गड़बड़ी उजागर होने पर इन छात्रों को चिन्हित कर कालेजों को उनकी सूची भेजी गई थी, जिन्हें कालेजों ने नोटिस जारी कर निलंबित कर दिया है। निलंबन नोटिस की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सभी छात्रों के दाखिले रद किए जाएंगे।

बढ़ सकती है पूर्व आयुष राज्य मंत्री की मुश्किलें

आयुष कालेजों में एडमिशन घोटाले में तत्कालीन आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा धर्म सिंह सैनी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। सैनी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ सपा में चले गए थे। सपा से सहारनपुर की नकुड़ सीट से चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं सके। सूत्रों का कहना है कि प्रकरण में निलंबित कार्यवाहक निदेशक, आयुर्वेद सेवाएं प्रो.डा.एसएन सिंह व प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय, आयुर्वेद सेवाएं डा.उमाकांत यादव पूर्व मंत्री सैनी के करीबी रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सीबीआइ जांच शुरू होने पर सैनी की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

सीबीआइ जल्द अपने हाथ में ले सकती है जांच

सीबीआइ जल्द आयुष विभाग में एडमिशन घोटाले की जांच अपने हाथ में ले सकती है। हालांकि इससे पूर्व सीबीआइ मामले में दर्ज कराई गई एफआइआर का परीक्षण करेगी। लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में डाटा फीडिंग का काम कर रही कंपनी अपट्रान पावरट्रानिक्स तथा उसके द्वारा नामित वेंडर कंपनी वी-3 साफ्ट साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि कुलदीप सिंह समेत अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। शासन के निर्देश पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने तत्काल मामले की जांच शुरू की थी। एसटीएफ एजेंसी व उसके वेंडर से जुड़े लोगों की छानबीन कर रही है। कई दस्तावेजों को भी खंगाल रही है।

आयुर्वेद निदेशालय में दस्तावेजों की होगी जांच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत मंगलवार काे मामले की जांच सीबीआइ से कराने का निर्देश दिया था। सीबीआइ जांच शुरू होने पर धांधली के इस मामले में बड़ों की भी मुश्किलें बढ़ सकती है। वहीं बुधवार को आयुर्वेद निदेशालय में सील किए गए दस्तावेजों के साथ-साथ काउंसिलिंग के कार्य से जुड़े अन्य दस्तावेजों को भी खंगाला जाएगा। कुछ दस्तावेज गायब भी किए गए हैं, जिन्हें लेकर कर्मचारियों से पूछताछ होगी।

आयुष कालेजों के 891 छात्रों को किया निलंबित

आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्रा दयालु ने बताया कि आयुष कालेजों के 891 छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। निश्चित तौर पर इन छात्रों ने गलत ढंग से प्रवेश पाया है। ऐसे में इनके दाखिले निरस्त होंगे। कहीं किसी तरह की गड़बड़ी न हो और कोई सही छात्र परेशान न किया जाए। इसका पूरा ख्याल रखते हुए गलत दाखिला पाने वाले छात्रों की सूची कालेजों को भेजी गई है। छात्रों की सूची और नीट-यूजी 2021 की मेरिट लिस्ट व कालेज के अभिलेखों का ढंग से सत्यापन कर दाखिले रद करने व उसकी रिपोर्ट शासन को भेजने का निर्देश दिया गया है। गलत ढंग से प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी भी कम दोषी नहीं हैं।

अपट्रान को दिए गए अन्य कामों की भी होगी जांच

नीट यूजी 2021 की मेरिट में छेड़छाड़ करने वाली अपट्रान पावरट्रानिक्स लिमिटेड और उसकी वेंडर कंपनी वी थ्री साफ्ट साल्यूशन को दाखिले की काउंसिलिंग के साथ-साथ और कौन-कौन से काम दिए गए थे, इसकी जांच कराए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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