सीसी और वाई-फाई से लैस होंगे रेलवे अस्पताल
रेलकर्मियों के उपचार से जुड़े दस्तावेज डॉक्टरों को वाई-फाई के जरिए भेजे जा सकेंगे। साथ ही वह मनोरंजन और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। जबकि सीसीटीवी से सफाई और मेडिकल गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। रेलवे कर्मचारियों और उनके आश्रितों के लिए अब मंडल अस्पतालों और हेल्थ यूनिटों में वाई-फाई की सुविधा मिलेगी। रेलकर्मियों के उपचार से जुड़े दस्तावेज डॉक्टरों को वाई-फाई के जरिए भेजे जा सकेंगे। साथ ही वह मनोरंजन और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। जबकि सीसीटीवी से सफाई और मेडिकल गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। रेल मंत्री के आदेश के बाद 31 अक्टूबर तक लखनऊ सहित देश के सभी रेलवे अस्पतालों और हेल्थ यूनिटों में यह सुविधा देने का काम आवंटित हो जाएगा।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले दिनों रेलवे हेल्थ सर्विस की समीक्षा की थी। इस दौरान यह पता चला कि कई अस्पतालों में रेलकर्मियों को दिए जा रहे उपचारों का रिकॉर्ड मैन्यूअल तरीके से रखा जा रहा है। ऐसे में जरूरत पडऩे पर रेलकर्मी इसे डॉक्टरों को परामर्श के लिए नहीं भेज पाते हैं। साथ ही ओपीडी में लंबी लाइनों के कारण कहीं पर रेलकर्मी और उनका परिवार घंटों इंतजार करता है जबकि कई जगहों पर डॉक्टर देर से आते हैं। सफाई व्यवस्था भी मंडल अस्पतालों को छोड़कर हेल्थ यूनिटों में नियमित नहीं होती है। इसे देखते हुए रेल मंत्री ने मंडल अस्पतालों और हेल्थ यूनिटों में वाई-फाई की सुविधा देने और सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश दिए हैं। सीसीटीवी और वाई-फाई लगाने के लिए जोनल स्तर की सिग्नल व टेलीकॉम अनुभाग को जिम्मा दिया जाएगा।
लखनऊ में इतने हैं अस्पताल
लखनऊ में तीन मंडल अस्पताल हैं। पूर्वोत्तर रेलवे का बादशाहनगर, उत्तर रेलवे का चारबाग और जोनल स्तरीय आरडीएसओ अस्पताल है। इनमें करीब 45 हजार रेलकर्मी और उनके परिजन पंजीकृत हैं। जबकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवार की संख्या एक लाख से अधिक है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन हेल्थ यूनिट भी लखनऊ में हैं।