राज्यकर विभाग ने समाधान योजना में पंजीकरण का कार्य किया तेज, व्यापारियों को योजना का लाभ दिलवाने की कोशिश
राज्यकर विभाग ने समाधान योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों का पंजीकरण करवाने का कार्य तेज कर दिया है। विभाग द्वारा व्यापारियों को विभिन्न माध्यमों से जीएसटी पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अभी तक सर्वाधिक 23865 व्यापारियों का पंजीकरण वाराणसी में किया गया है। राज्यकर विभाग की कोशिश है कि जीएसटी पंजीकरण के मामले में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में आगे रहे।
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्यकर विभाग ने समाधान योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों का पंजीकरण करवाने का कार्य तेज कर दिया है। विभाग द्वारा व्यापारियों को विभिन्न माध्यमों से जीएसटी पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अभी तक सर्वाधिक 23,865 व्यापारियों का पंजीकरण वाराणसी में किया गया है।
राज्यकर विभाग की कोशिश है कि जीएसटी पंजीकरण के मामले में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में आगे रहे। यही वजह है कि प्रदेश में छोटे कारोबारियों को भी जीएसटी पंजीकरण के लिए प्रेरित किया है। इससे विभाग को या सरकार को राजस्व में कोई ज्यादा लाभ नहीं होगा।
आइसक्रीम व तंबाकू उत्पादों का कारोबार करने वाले व्यापारियों को छोड़कर समाधान योजना के तहत अन्य व्यापारियों का पंजीकरण किया जाता है। पंजीकरण करवाने वाले फुटकर विक्रेताओं को एक प्रतिशत, विभिन्न वस्तुओं के निर्माताओं को दो प्रतिशत व ढाबा संचालकों को पांच प्रतिशत तक जीएसटी भरना होता है।
योजना के तहत 1.5 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार करने वालों का ही पंजीकरण किया जाता है। अभी तक वाराणसी जोन में 23,865, गोरखपुर में 20,610, लखनऊ में 19,828, अयोध्या में 19,220, प्रयागराज में 10,278, मुरादाबाद में 7,928, बरेली में 7,619, झांसी में 7,199, कानपुर में 6,969, इटावा में 6,905, अलीगढ़ में 6,083, सहारनपुर में 5,844, गाजियाबाद में 5,514, आगरा में 4,538 व मेऱठ में 3,239 तथा नोएडा में 1,346 व्यापारियों का पंजीकरण करवाया जा चुका है।
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