भगवान जगन्नाथ मंदिर में मिल रहा निराश्रितों को आश्रय

यह भंडारा हिदू-मुस्लिम एकता की भी मिसाल पेश कर रहा है। यहां दोनों समुदायों के लोग समान पंक्तियों में बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Apr 2020 10:55 PM (IST) Updated:Tue, 07 Apr 2020 10:55 PM (IST)
भगवान जगन्नाथ मंदिर में मिल रहा निराश्रितों को आश्रय
भगवान जगन्नाथ मंदिर में मिल रहा निराश्रितों को आश्रय

महराजगंज: कोरोना से जंग में भगवान जगन्नाथ का मंदिर निराश्रितों को आश्रय दे रहा है। जिले में लॉकडाउन के बाद ऐसा ही कुछ कर रहें हैं सिसवा ब्लाक क्षेत्र के भगवान जगन्नाथ मंदिर के महंत संकर्षण रामानुज दास। लॉकडाउन के प्रथम दिवस से ही यहां मंदिर परिसर में रोजाना दर्जनों लोगों को भोजन कराते हैं। जरूरतमंदों को आवश्यक सामाग्री देने के साथ ही रोजाना मंदिर परिसर में भंडारा भी चल रहा है।

लॉकडाउन के दौरान गरीबों के भोजन-पानी की चिता शुरू हो गई। लोग दीन दुखियों के मदद के लिए भी आगे आए। इसी कड़ी में बड़हरा महंत भगवान जगन्नाथ मंदिर के महंत संकर्षण रामानुज दास ने गांव व अगल बगल के जरुरतमंदों व गरीबों को चिन्हित कर उन्हें पूरे लाकडाउन भोजन कराने की ठानी । मंदिर के भोजनालय में प्रथम दिवस से ही भोजन बनवाकर रोजाना शारीरिक दूरी बनाते हुए सभी को भोजन कराने का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह- शाम भोजन से पूर्व सभी का साबुन से हाथ धुलवाने की प्रक्रिया भी की जा रही है। महंत संकर्षण रामानुज दास ने बताया कि इस मुश्किल समय में लोगों की सेवा सच्ची ईश्वर सेवा के समान है।

यहां का यह भंडारा हिदू-मुस्लिम एकता की भी मिसाल पेश कर रहा है। यहां दोनों समुदायों के लोग समान पंक्तियों में बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं। वैसे इस मंदिर में दोनों समुदायों के लोग आस्था भी रखते हैं। सोमवार को इंद्रजीत, रमाशंकर,मुस्तफा अंसारी, अजीज अहमद, अमरजीत, जंगली, दूधनाथ, निरंजन, रोहित, गोरख, भुल्लुर, एकरामुल्लाह, हरिलाल, नईम अहमद आदि लोगों ने भोजन ग्रहण कर व्यवस्था की सराहना की।

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