बेटी हो तो ऐसी- सपना पूरा करने के लिए छोड़ दी इंफोसिस की नौकरी, अमेरिका से लौटी और अपने कंधों पर ले ली जिम्मेदारी

पूजा के पिता राजेंद्र दत्त ने 2007 में पुरासी गांव में अपनी पैतृक भूमि पर गुरुकुल पब्लिक स्कूल की नींव रखी। उन्होंने गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देना शुरू किया। पिता से ही प्रेरित होकर पूजा अपने गांव लौट आईं और स्कूल की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। गांव के ऐसे अभिभावक जो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे थे उन जरूरतमंदों के साथ वह खड़ी हुईं।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 04 Nov 2023 07:50 PM (IST) Updated:Sat, 04 Nov 2023 07:50 PM (IST)
बेटी हो तो ऐसी- सपना पूरा करने के लिए छोड़ दी इंफोसिस की नौकरी, अमेरिका से लौटी और अपने कंधों पर ले ली जिम्मेदारी
महराजगंज के समसपुर हलोर में विद्यालय की प्रतिभावान छात्रा को पुरस्कृत करती पूजा

HighLights

  • पूजा ने इंफोसिस समेत कई नामचीन कंपनियों की नौकरी छोड़ी
  • जरूरतमंद बच्चाें का भविष्य संवारने के लिए छोड़ा आसान जिंदगी
  • जरूरतमंद बच्चों में निशुल्क बांट रही अपनी उच्च शिक्षा

संवाद सूत्र, महराजगंज। सपनों को पूरा करने का जज्बा बुलंद हौंसले के साथ बना रहे तो कोई भी राह मुश्किल नहीं। कुछ इसी तरह का जज्बा दिखा रही हैं समसपुर हलोर की पूजा मिश्रा। उन्होंने आइआइएम कलकत्ता से परास्नातक किया। 2006 में पढ़ाई पूरी करके पूजा अमेरिका चली गई। अमेरिका में 2010 तक इंफोसिस कंपनी में वरिष्ठ सलाहकार के पद पर कार्य किया। उसके बाद बंगलुरु में निजी कंपनी में बतौर शाखा प्रबंधक रहीं।

इस बीच उन्हें इंफाेसिस सहित नामचीन कंपनियों से काल आईं, लेकिन वह 2012 में नौकरी छोड़कर अपने गांव आ गईं और यहीं जरूरतमंद बच्चों का भविष्य संवारने में लगी हैं।

पिता ने रखी विद्यालय की नींव

पूजा के पिता राजेंद्र दत्त ने 2007 में पुरासी गांव में अपनी पैतृक भूमि पर गुरुकुल पब्लिक स्कूल की नींव रखी। उन्होंने गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देना शुरू किया। पिता से ही प्रेरित होकर पूजा अपने गांव लौट आईं और स्कूल की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली। गांव के ऐसे अभिभावक जो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे थे, उन जरूरतमंदों के साथ वह खड़ी हुईं। उन्होंने ऐसे बच्चों को विद्यालय बुलाकर नवाचार के माध्यम शिक्षा देना शुरू किया। पूजा ने बताया कि विद्यालय में करीब छह सौ बच्चे प्राइमरी व जूनियर में पढ़ते हैं।

प्राथमिक में 140 व जूनियर स्तर पर 60 छात्रों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही हैं। इन बच्चों की फीस विद्यालय प्रबंधन वहन कर रहा है, जो बच्चे कापी व किताब खरीदने में असमर्थ हैं, उन्हें शिक्षा सामग्री व ड्रेस भी उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष में एक बार गरीब बच्चों को विद्यालय प्रबंधन अपने खर्च पर टूर भी कराता है।

संकट में मददगार साबित हुई पूजा

पूजा के मन में सेवा भाव इस तरह जगा कि वह मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। गरीबों काे आर्थिक मदद हो या अन्य सहयोग वह सदैव सेवा के लिए तत्पर रहती हैं। पूजा जरूरतमंदों लोगों को समय-समय पर राशन किट भी वितरित करती हैं। पूजा की मेहनत और लगन से स्कूल में छात्रों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। विद्यालय में इंटरमीडिएट, स्नातक व डीएलएड के पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं।

यह भी पढ़ें - NCRTC ने यमुना प्राधिकरण को दी Rapid Train परियोजना की कनेक्टविटी रिपोर्ट, जानिए दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट के क्या होंगे रूट

यह भी पढ़ें - ट्रेन में सांसदों के नाम से आरक्षित थीं सीट, सफर कर रहे थे बाकी लोग- रेलवे के अधिकारियों को चल गया पता, फिर जो हुआ

chat bot
आपका साथी