मऊ से मुंबई जाने के लिए निकले बकरे की रेलवे की लापरवाही से छूटी ट्रेन, निराश होकर लौटा गांव

मऊ जिले में रेलवे की लापरवाही से एक बकरा मुंबई के कल्‍याण तक का सफर करने से वंचित रह गया। बकरे के बारे में जानकार सभी रेल यात्रियों में कौतूहल का माहौल बना रहा। ट्रेन छूटने के बाद बकरा भी वापस गांव लौट गया।

By Jaiprakash NishadEdited By: Publish:Sat, 05 Nov 2022 09:30 AM (IST) Updated:Sat, 05 Nov 2022 09:30 AM (IST)
मऊ से मुंबई जाने के लिए निकले बकरे की रेलवे की लापरवाही से छूटी ट्रेन, निराश होकर लौटा गांव
मुंबई जाने के लिए निकला बकरा वापस अपने गांव लौट गया।

मऊ, जागरण संवाददाता। जिस साठ किलो के बकरे को मुंबई के कल्‍याण तक का सफर करना था वह रेलवे के कर्मचारियों की लापरवाही से मऊ से कल्याण मुंबई तक का सफर करने से वंचित रह गया। वह बकरा रेल यात्रियों के बीच आकर्षण और चर्चा का केंद्र बना रहा तो दूसरी ओर रेलवे की ओर से उसका स्‍थान बुक किए जाने के बाद भी ट्रेन में उसका सफर रद करना पड़ा। पर्यवेक्षक को फिलहाल उसे वापस करना पड़ा तो निराश बकरा अपने गांव लौट गया। 

शहर के रेलवे पार्सल घर पर शुक्रवार को 60 किलोग्राम का एक बकरा मऊ जिले से मुंबई के कल्याण स्टेशन के लिए बुक किया गया था। पार्सल की शक्ल में बुक होने के बाद बकरा जैसे ही प्लेटफार्म पर पहुंचा यात्रियों के लिए वह चर्चा और कौतूहल के साथ ही आकर्षण का विषय बन गया। जिस यात्री को देखो वही बकरे के बारे में पूछने लगा। उधर, दिलचस्प घटना क्रम यह हुआ कि कुछ कागजी त्रुटि सुधारने में ट्रेन चली गई और बकरा मऊ जंक्शन पर ही रह गया।

मूलरूप से आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज निवासी अतीक मुख्तार शेख जो अब मुंबई में ही रहते हैं वह शुक्रवार को बलिया- दादर एक्सप्रेस से मुहम्मदाबाद गोहना के अलाउद्दीनपुर से 60 किलोग्राम का एक बकरा खरीदकर मुंबई ले जाना चाहते थे। बकरे की बुकिंग के लिए जरूरी कागजातों को लाने में कुछ देर हुई, जिससे बुकिंग प्रक्रिया में कुछ विलंब हो गया। इधर, इससे पहले की बकरा ट्रेन में लोड हो पाता, तब तक बुकिंग प्रक्रिया में हुई एक लिपिकीय त्रुटि सुधारने में बकरा मऊ जंक्शन पर ही छूट गया।

जबकि, बकरा लोड न होने पर बकरे के साथ जाने वाले अतीक मुख्तार शेख बकरा फिर कभी ले जाने की बात कहकर मुंबई रवाना हो गए। मुख्य पार्सल पर्यवेक्षक अखिलेश कुमार ने बताया कि बकरा मऊ से कल्याण के लिए 701 रुपये में बुक किया गया था। बुकिंग कैंसिल कर बकरा लेकर साथ आए व्यक्ति को पुन: बकरा सौंप दिया गया, जिसे लेकर वह अपने गांव निराश होकर लौट गया।

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