Delhi-Meerut Metro Train: लॉकडाउन के दौरान आकार लेने लगा मेरठ मेट्रो रेल का स्टेशन, रैपिड रेल का भी चल रहा काम

Delhi-Meerut Metro Train रैपिड रेल के बीच हम सब मेरठ मेट्रो को भूल ही जाते हैं। ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं यह है मेरठ मेट्रो का स्टेशन। इसका भी स्टेशन आकार लेने लगा है। परतापुर और रिठानी में स्टेशन आकार लेने लगा है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 02:21 PM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 02:21 PM (IST)
Delhi-Meerut Metro Train: लॉकडाउन के दौरान आकार लेने लगा मेरठ मेट्रो रेल का स्टेशन, रैपिड रेल का भी चल रहा काम
लॉकडाउन के दौरान ही आकार लेने लगा दिल्‍ली मेरठ मेट्रो।

मेरठ, जेएनएन।Delhi-Meerut Metro Train:  रैपिड रेल के बीच हम सब मेरठ मेट्रो को भूल ही जाते हैं। ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं यह है मेरठ मेट्रो का स्टेशन। इसका भी स्टेशन आकार लेने लगा है। परतापुर और रिठानी में स्टेशन आकार लेने लगा है। यह स्टेशन वैसे तो एनसीआरटीसी ही रैपिड रेल कारिडोर में बना रहा है। लेकिन इसे मेरठ मेट्रो का स्टेशन इसलिए कहेंगे क्योंकि इन स्टेशनों पर सिर्फ मेरठ मेट्रो रुकेगी। इन दोनों स्टेशनों पर रैपिड रेल नहीं रुकेगी। मेरठ मेट्रो का संचालन भूड़बराल से मोदीपुरम तक होगा। जबकि रैपिड रेल मोदीपुरम से दिल्ली तक जाएगी। रैपिड रेल सिर्फ चुनिंदा स्टेशनों पर ही रुकेगी क्योंकि स्पीड ज्यादा रहती है। कुछ साल पहले मेरठ मेट्रो को रैपिड रेल कारिडोर के साथ ही बनाने के लिए उप्र सरकार ने समझौता किया था।

लॉकडाउन के दौरान चल रहा काम

मेरठ से दिल्‍ली के लिए दो विकास परियोजनाओं का काम जारी है। धीरे- धीरे इनकी रफ्तार भी बढ़ रही है। रैपिड रेल की बात करें तो इसके लगभग 20 किमी तक के पीलर निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं अंडरग्राउड स्‍टेशन के लिए खुदाई के साथ दिवाल का निर्माण भी हो रहा है। कई जगहों पर खोदाई व बीम डालने का काम भी चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि कई अभी मैन पावर की कमी होने के कारण पूरी क्षमता से इसके काम में तेजी नहीं आ रही है। वहीं मेट्रो निर्माण को लेकर भी काम जारी है।

फिर शुरू होगा मिट्टी भराव, मिली अनुमति

डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर तैयार करने के लिए डेढ़ महीने के इंतजार के बाद गुरुवार शाम को जिला प्रशासन ने एक लाख क्यूबिक मिट्टी खरीदने की अनुमति दे दी है। मेरठ जिले के कारिडोर के हिस्से में अभी 25 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी का भराव होना है। 15 से लेकर 20 मीटर तक की ऊंचाई तक मिट्टी का भराव होगा। फिर उसके ऊपर रेल पटरी बिछाई जाएगी। इसमें करीब 28 परत मिट्टी की होती है। मेरठ में मोहिउद्दीनपुर, सकौती, दौराला से होते हुए यह कारिडोर निकल रहा है।

गंगा एक्‍सप्रेस वे में दिया जा रहा मुआवजा

मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने के लिए यूपी सरकार का विकास प्रोजेक्‍ट गंगा एक्‍सप्रेस वे का काम कोरोना के दूसरी लहर के बाद शुरू हो गया है। किसानों के खातों में रुपये भेजने का काम भी जारी कर दिया गया है। मेरठ में कुल 103 किसानों के बैनामें हुए हैं, जिनके खातें में पैसे भेजे जा रहे हैं।  

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