UP News: अभी जेल में ही गुजरेंगी सपा विधायक रफीक अंसारी की रातें; हाईकोर्ट ने जारी किए थे 101 गैर जमानती वारंट

Meerut Crime News In Hindi गैर जमानती वारंट निकलने के बाद से विधायक पुलिस से लुकाछिपी खेल रहे थे। एक बार लखनऊ पहुंचने के बाद विधायक ने अपना मोबाइल फोन भी खोल लिया। पुलिस उसके आवास पर पहुंची। तब पीछे के रास्ते से निकल गए। जैदपुर पुलिस की मदद से उन्हें गिरफ्तार कर मेरठ लाया गया था। तब से वे जेल में बंद हैं।

By sushil kumar Edited By: Abhishek Saxena
Updated: Tue, 11 Jun 2024 01:35 PM (IST)
UP News: अभी जेल में ही गुजरेंगी सपा विधायक रफीक अंसारी की रातें; हाईकोर्ट ने जारी किए थे 101 गैर जमानती वारंट
Meerut News: सपा विधायक रफीक अंसारी की जमानत खारिज

HighLights

  1. सपा विधायक रफीक अंसारी की जमानत खारिज
  2. हाईकोर्ट ने जारी किए थे 101 गैर जमानती वारंट

जागरण संवाददाता, मेरठ। 101 वांरट जारी होने पर जेल गए सपा विधायक रफीक अंसारी की जमानत अर्जी पर अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए बृजेश मणि त्रिपाठी की अदालत में सुनवाई हुई। उसके बाद जमानत अर्जी खारिज की दी गई।

सरकारी वकील नीरज सोम ने बताया कि जहीर अहमद पुत्र इब्राहिम निवासी जैदी फार्म मेरठ ने थाना नौचंदी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि 12 सितंबर 1992 को उसकी जैदी फार्म थाना नौचंदी मेरठ में दुकान को आग लगा दी थी। तब 22 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हो गया था।

1997 में सभी आरोपितों को न्यायालय ने बरी कर दिया था। एक गवाह ने बाद में विधायक रफीक अंसारी के खिलाफ गवाही दी थी, जिसके बाद से आरोपित विधायक सन 1997 से न्यायालय में पेश नहीं हुए। लगातार उनके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी होते रहे। तब रफीक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। दूसरा मुकदमा अनिल कुमार गुर्जर ने न्यायालय के द्वारा पंजीकृत कराया था। आरोप लगाया था कि विधायक अपने अन्य साथियों के साथ सड़क बनाने को लेकर हत्या करने का प्रयास किया था।

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विधायक पर दर्ज हैं मामले

विधायक के खिलाफ धारा 307 सहित मार पिटाई की धाराओं में मुकदमा थाना सिविल लाइन मेरठ में कराया गया। दोनों मुकदमा में अपर न्यायायल से आरोपित विधायक की जमानत खारिज हो चुकी थी।

इसके बाद आरोपित विधायक की तरफ से न्यायालय में उनके अधिवक्ता रोहिताश्व कुमार अग्रवाल, अमित कुमार दीक्षित और गगन राणा ने जमानत प्रार्थना पत्र दायर करके 10 जून सोमवार को बहस की। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य को देखते हुए विधायक की जमानत खारिज कर दी।