मुरादाबाद स्मार्ट सिटी की तिमाही रैंकिंग में फिर फिसड्डी Moradabad news
स्मार्ट सिटी की तिमाही रैंकिंग में फिर फिसड्डी साबित हुए हैं। इस बार भी हमारे शहर की रैंकिंग में सुधार नहीं हुआ जिस जगह तीन महीने पहले खड़े थे आज भी वहीं पर हैं।
मुरादाबाद : स्मार्ट सिटी की तिमाही रैंकिंग में फिर फिसड्डी साबित हुए हैं। इस बार भी हमारे शहर की रैंकिंग में सुधार नहीं हुआ, जिस जगह तीन महीने पहले खड़े थे आज भी वहीं पर हैं। तीन महीने पहले मई में 97वें रैंकिंग थी और अगस्त में रैंकिंग भी उतनी ही है। नगर निगम ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट(पीएमसी) को 305 करोड़ रुपये के दस काम की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर अभी तक काम शुरू नहीं कर पाया है। स्मार्ट सिटी के 100 शहरों में तीन नंबर भी हमें एक करोड़ रुपये प्रपोजल बनाने से लेकर डीपीआर के खर्च तक पर मिले हैं लेकिन इससे ज्यादा अच्छी रैकिंग नहीं मिलने से एक बार फिर फिसड्डी साबित हुए हैं।
डीपीआर का ड्राफ्ट बनकर तैयार तो हुआ है लेकिन स्पेशल परपस व्हीकल (एसपीवी) समिति ने मंजूर नहीं की है। इस समिति के चेयरमैन एवं मंडलायुक्त की अध्यक्षता में एसपीवी की बैठक होगी, तभी डीपीआर मंजूर होगी। मंजूरी मिलने के बाद तकनीकी मूल्यांकन होगा, निविदाएं निकाली जाएंगी और फिर कार्य आदेश जारी होगा। इसके बाद ही महानगर में स्मार्ट सिटी के काम दिखेंगे।
ऐसे बढ़ेगी रैंकिंग
अभी डीपीआर बनी जरूर है लेकिन 22 अरब 26 करोड़ रुपये के प्रपोजल में 305 करोड़ रुपये की डीपीआर की बावत खर्च ढेला नहीं हुआ। रैंकिंग तभी सुधरेगी जब विकास कार्यों पर स्मार्ट सिटी का पैसा खर्च करके राष्ट्रीय स्तर की स्मार्ट सिटी कमेटी को रिपोर्ट भेजी जाएगी। रैंकिंग मुख्यत: चार आधार पर बढ़ेगी। इसमें डीपीआर पर कितने रुपये खर्च हुए? भुगतान कितना हुआ? कितने कार्य आदेश जारी हुए? और कितने काम पूरे हुए? इन चारों में हम कहीं भी सफल नहीं हो पाए हैं। अगली रैंकिंग तीन महीने बाद आएगी, जिसमें सुधार की उम्मीद नगर निगम प्रशासन जता रहा है लेकिन दो साल में अभी तक एक भी प्रोजेक्ट नगर निगम जमीन पर पूरा नहीं कर पाया है, जिससे जनता में स्मार्ट सिटी को लेकर बहुत ज्यादा विश्वास नहीं रहा है।