भई वाह ! रिटायर्ड रेल कर्मी को पेंशन नहीं अब दिया जाएगा वेतन

रेलवे में सौ वर्ष के कर्मचारी को पेंशन के बदले मूल वेतन देने का प्रावधान है। बाल मुकुंद की उम्र करीब 99 वर्ष हो चुकी है और अगले साल से उसे मूल वेतन देने का आदेश किया गया है।

By RashidEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 12:47 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 03:51 PM (IST)
भई वाह ! रिटायर्ड रेल कर्मी को पेंशन नहीं अब दिया जाएगा वेतन
भई वाह ! रिटायर्ड रेल कर्मी को पेंशन नहीं अब दिया जाएगा वेतन

मुरादाबाद (जेएनएन) । रेलवे से सेवानिवृत्त बाल मुकंद को अगले से साल से पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि उसे वेतन मिलना शुरू हो जाएगा। सोमवार को रेलवे पेंशन अदालत में यह आदेश जारी किया है। अदालत में 45 मामलों का निपटारा किया गया जिसमें सात लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।

पेंशन अदालत ने दिया आदेश
मंगलवार सुबह डीआरएम आफिस सभागार में रेलवे का पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। 99 साल का बाल मुकंद अदालत में पहुंचे और कहा कि लक्सर में बुकिंग क्लर्क थे, वह 30 अप्रैल 1979 में सेवानिवृत्त हुए है। उन्हें नियमित पेंशन मिल रही है। सरकार के नियम के अनुसार अगले साल उम्र सौ साल की हो जाएगी, उसे पेंशन के स्थान पर वेतन मिलना चाहिए। अदालत ने अगले साल से पेंशन के स्थान पर वेतन देने का आदेश दिया है। तत्काल वेतन का 95 फीसद राशि भुगतान करने का आदेश दिया है। पांच मिनट से कम समय में अदालत ने फैसला सुनाया और बाल मुकंद बेटे के साथ वापस लौट गए।

अदालत में 45 केस का निपटारा

अदालत में 75 सेवानिवृत्त कर्मियों ने आवेदन किया। जिसमें एक मामले को निरस्त कर दिया। 45 मामलों का निपटारा कर दिया। 29 मामलों की अंतिम स्वीकृत के लिए मुख्यालय भेज दिया है। मुख्यालय से स्वीकृति मिलते ही संशोधित पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा। अदालत में सात लाख, 22 हजार 859 रुपये का भुगतान किया। 35 मामले पिता की मौत के बाद कुंवारी बेटी या विधवा बेटी द्वारा परिवार पेंशन की मांग की थी, इस के भी परिवार पेंशन देने का आदेश दिया। इसके अलावा संशोधित पेंशन देने और बैंकों द्वारा पेंशन नहीं देने के मामले थे।पेंशन अदालत में अपर मंडल रेल प्रबंधक शरद श्रीवास्तव व प्रवर मंडल कार्मिक अधिकारी विपुल गोयल शामिल थे।

chat bot
आपका साथी