अब ट्रेनेें नहीं होंगी लेट, चालक बढ़ा सकेंगे रफ्तार

ट्रेनों की लेटलतीफी रोकने के लिए रेल प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। ढांचागत सुधार के साथ चालकों को ट्रेनों की स्पीड़ बढ़ाने की छूट भी दी जाएगी।

By RashidEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 03:12 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 03:22 PM (IST)
अब ट्रेनेें नहीं होंगी लेट, चालक बढ़ा सकेंगे रफ्तार
अब ट्रेनेें नहीं होंगी लेट, चालक बढ़ा सकेंगे रफ्तार

मुरादाबाद (जेएनएन) । ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान यात्रियों को अब राहत मिलने वाली है। समयबद्धता का नारा साकार करने के लिए रेलवे ने ट्रेन की गति में आने वाली बाधाओं को दूर करने के साथ परिस्थितियों के अनुसार ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के लिए ड्राइवर को अधिकार दिया जाएगा।

तैयारी है कि ट्रेन लेट होते ही चालक ट्रेन की गति को बढ़ा देगा और जब ट्रेन निर्धारित समय पर चलने लगेगी तो रफ्तार कम कर देगा। इसके लिए रेलवे लाइन पर आने वाली बाधाओं को दूर किया जा रहा है। रेलवे ने ट्रेनों को निर्धारित समय पर चलाने के लिए यह योजना तैयार की है।

रेल प्रबंधन ने मानव रहित फाटक पर गेट बनाने, मुरादाबाद रेल मंडल में 230 किलोमीटर रेलवे लाइन बदलने और 23 कमजोर पुलों के स्थान पर नए पुल बनाने का काम शुरू कर दिया है।

निर्धारित गति से नहीं चलती हैं ट्रेनें

रेलवे ने प्रत्येक रेल मार्ग पर ट्रेनों की गति निर्धारित कर रखी है। इसके बावजूद ट्रेनें उस गति से नहीं चलती हैं। उदाहरण के लिए नई दिल्ली से लखनऊ जाने वाली लखनऊ मेल को 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की अनुमति है, लेकिन यह ट्रेन 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलती है।

डर का ब्रेक है स्पीड पर

दुर्घटना होने पर इंजन के स्पीडो मीटर की जांच की जाती है, अधिकतम गति से चलने वाली ट्रेन का स्पीडो मीटर 115 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की रिपोर्ट देता है। इस रिपोर्ट के आधार रेल प्रशासन चालक की सेवा समाप्त कर देता है। लिहाजा चालक ट्रेन को 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलाते हैं। रेल लाइन बदले जाने व नए पुल का निर्माण होने के बाद भी गति से प्रतिबंध नहीं हटाया गया है। इसलिए ट्रेनों की औसत गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे ही रह जाती है।

115 किमी स्पीड पर नहीं मिलेगा दंड
रेल प्रशासन ने चालकों को अधिकतम गति से ट्रेन चलाने का आदेश दिया है। जिस मार्ग पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति है, वहां स्पीडो मीटर पर 115 किलोमीटर प्रति घंटे से ट्रेन चलाने की रिपोर्ट देने पर चालक को दंडित नहीं किया जाएगा। ट्रेन के लेट होने पर चालक गति को 75 से बढ़ाकर 110 किलोमीटर प्रति घंटा कर सकते हैं।

हो रहा है सुधार 

मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल का कहना है  कि रेल लाइन बदले जाने व अन्य काम के बाद लखनऊ-मुरादाबाद के बीच ट्रेन संचालन में एक घंटे का समय कम हो गया है। अन्य रेल मार्ग पर भी सुधार हुआ है। इसी कारण अधिकतर ट्रेनें निर्धारित समय पर चल रहीं हैं। 

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