Noida Airport Update: नोएडा एयरपोर्ट के निर्माण में नहीं आएगी देरी, इसी साल यात्रियों के लिए हो जाएगा शुरू
Noida International Airport नोएडा एयरपोर्ट पर स्टील स्ट्रक्चर बनाने के लिए वेंडर की संख्या दोगुनी की जाएगी जिससे एयरपोर्ट के निर्माण में देरी नहीं आएगी। निर्माण में देरी की वजह स्टील बन रहा था जो स्ट्रक्चर (परलिन) साइट पर बनाया जाएगा। कामर्शियल सेवा हर हाल में दिसंबर से शुरू करने का निर्देश दिया गया है। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट नोएडा में विकसित हो रहा है।
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HighLights
- अभी तक चार वेंडर कर रहे हैं काम।
- दिसंबर से एयरपोर्ट पर कामर्शियल सेवा की होनी है शुरुआत।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) के निर्माण में देरी की वजह बन रहा स्टील स्ट्रक्चर (परलिन) साइट पर बनाया जाएगा। इसके लिए वेंडर की संख्या को भी दो गुना किया जाएगा। इसी साल अक्टूबर में ट्रायल शुरू हो जाएगा।
पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने शुक्रवार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की निर्माण प्रगति का निरीक्षण करने के साथ ही कामर्शियल सेवा हर हाल में दिसंबर से शुरू करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने विकासकर्ता कंपनी को 15 जुलाई तक एक्शन प्लान देने के निर्देश भी दिए थे।
देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट
दिल्ली-एनसीआर में दूसरे एयरपोर्ट के रूप में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट नोएडा में विकसित हो रहा है। इस एयरपोर्ट के स्टील स्ट्रक्चर कार्य में देरी के कारण एयरपोर्ट से यात्री सेवाओं के संचालन में देरी की आंशका जताई जा रही थी, लेकिन पूर्व मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सभी बाधाएं सुलझ गई हैं।
कामर्शियल ऑपरेशन में देरी की संभावना
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि स्टील स्ट्रक्चर के काम में देरी के कारण एयरपोर्ट के कामर्शियल ऑपरेशन में देरी की संभावना व्यक्त की जा रही थी। इसलिए वेंडर की संख्या चार और बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अभी चार वेंडर काम कर रहे हैं।
वेंडर की संख्या दो गुना होने से काम में निर्धारित समय में पूरा कर लिया जाएगा। स्टील की आपूर्ति छत्तीसगढ़ से की जा रही है। स्ट्रक्चर को निर्माण साइट पर ही तैयार किया जाएगा।
दिसंबर से यात्री सेवाओं की शुरुआत
सीएटी वन के साथ एयरपोर्ट से अक्टूबर और नवंबर में ट्रायल शुरू करने पर डीजीसीए से सहमति बन चुकी है। सीएटी थ्री के साथ दिसंबर से यात्री सेवाओं की शुरुआत होगी।
एटीसी टावर एएआई को हस्तांतरित
एटीसी टावर को उपकरण लगाने के लिए भारतीय विमानन पत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित कर दिया गया है। 3900 मीटर लंबा रनवे बनकर तैयार हो चुका है।
दो एयरोब्रिज पहुंचे साइट पर
एयरपोर्ट पर दो एयरो ब्रिज भी पहुंच गए हैं। इन्हें असेंबल करने का काम चल रहा है। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ेगी। कुल दस एयरो ब्रिज एयरपोर्ट पर होंगे।
सीएटी: इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम की कैटेगिरी है। जो रनवे पर विमान के लिए दृश्यता व ऊंचाई का निर्धारण करती है। नोएडा एयरपोर्ट पर घने कोहरे के दौरान विमान को रनवे पर उतारने के लिए सीएटी 3 मानक जरूरी हैं।