Noida News: तीन बीमा कंपनियों पर धोखाधड़ी करने का आरोप, पॉलिसी के नाम पर काट लिए 2.95 लाख रुपये

नोएडा की महिला ने पति की मौत के बाद बीमा कंपनियों पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। मामले में पुलिस द्वारा सुनवाई न होने पर महिला को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। अब पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पति की मौत के बाद बीमा कंपनियों ने उनके पति द्वारा लिया गया लोन नहीं चुकाया।

By Gaurav Sharma Edited By: Abhishek Tiwari Publish:Mon, 01 Jul 2024 10:59 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2024 10:59 AM (IST)
Noida News: तीन बीमा कंपनियों पर धोखाधड़ी करने का आरोप, पॉलिसी के नाम पर काट लिए 2.95 लाख रुपये
नोएडा की महिला ने तीन बीमा कंपनियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

HighLights

  • मृतक को गंभीर बीमारी बताकर बीमा कराने के बाद कंपनियों ने नहीं चुकाई लोन की राशि
  • 50 लाख रुपये का लोन देते समय ही बीमा पॉलिसी के नाम पर काट लिए थे रुपये

जागरण संवाददाता, नोएडा। कोतवाली सेक्टर-24 क्षेत्र में रहने वाली एक महिला ने पति की मौत के बाद तीन बीमा कंपनियों पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पति की मौत के बाद बीमा कंपनियों ने उनके पति द्वारा लिया गया लोन नहीं चुकाया गया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पति की 2 अक्टूबर 2022 को हुई थी मौत

सेक्टर-12 की ममता शर्मा ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि स्व. पति केशव शर्मा ने वित्तीय सहायता हिंदुजा हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड एआइजी होरिजोन के गुरुग्राम स्थित कार्यालय से 50 लाख रुपये प्राप्त किए।

इसमें हाउसिंग कंपनी द्वारा 2.95 लाख रुपये शिकायतकर्ता के पति को वित्तीय सहायता की सुरक्षा के लिए बीमा के तौर पर काटकर 1 सितंबर 2022 को लोन जारी किया गया। इसके बाद पति की 2 अक्टूबर 2022 को अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।

इन कंपनियों में कराया था सुरक्षा बीमा

आरोप है कि हिंदुजा हाउसिंग फाइनेंस के कर्मचारी आए और लोन की मांग करने लगे। तब शिकायतकर्ता ने उन्हें उनकी कंपनी से हुए बीमा की जानकारी दी। उन कर्मचारियों ने कहा कि कंपनी ने आइसीआइसीआइ प्रोडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी, टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और गोडिजिट जनरल इंश्योरेंस कंपनी से सुरक्षा बीमा कराया गया था। जिनके द्वारा कंपनी का भुगतान नहीं किया गया।

शिकायतकर्ता ने जब तीनों कंपनियों से संपर्क किया तो सभी ने एक राय होकर उनके पति को गंभीर बीमारी बताकर बीमा की धनराशि का गबन कर लिया। यही नहीं फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनकी फर्जी पॉलिसी तैयारी कीं जिसमें एक कंपनी ने तो पति के मरने के 20 दिन बाद फर्जी रूप से तैयार की गई।

पीड़िता का कहना है कि पुलिस द्वारा सुनवाई न होने पर कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। एडीसीपी मनीष कुमार मिश्र का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

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