High School Result : हाइस्कूल में बदलने जा रहा है यह पुराना नियम, अब 6 नहीं पढ़ने पढ़ेंगे इतने विषय; इस तरह बनेगी मेरिट

संस्था को ट्रेड विषयों के संचालन के लिए कोई भी शासकीय अनुदान नहीं दिया जाएगा। समस्त मान्यता प्राप्त संस्थाओं में भाषाओं के अतिरिक्त समस्त विषयों के शिक्षण का माध्यम हिंदी अथवा अंग्रेजी रहेगा। प्रतिबंध यह है कि जिन विद्यालयों को हिंदी माध्यम से शिक्षण दिए जाने हेतु पूर्व में मान्यता/अनुमति मिली है उन्हें अंग्रेजी माध्यम से भी शिक्षण दिए जाने की अनुमति दी जा सकती है।

By Jagran NewsEdited By: Mohammed Ammar Publish:Wed, 19 Jun 2024 12:16 AM (IST) Updated:Wed, 19 Jun 2024 12:16 AM (IST)
High School Result : हाइस्कूल में बदलने जा रहा है यह पुराना नियम, अब 6 नहीं पढ़ने पढ़ेंगे इतने विषय; इस तरह बनेगी मेरिट
High School Result : हाइस्कूल में बदलने जा रहा है नियम

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल अर्थात कक्षा नौ और दस में बड़े बदलाव की तैयारी की है। 2025-26 से कक्षा नौ में कुल दस विषयों की परीक्षा कराई जाएगी जबकि मेरिट सात विषयों के आधार पर बनेगी।

अभी मात्र छह विषयों की परीक्षा ली जा रही है। प्रत्येक विद्यार्थी को कम से कम तीन भाषाएं पढ़ना होगा। कक्षा नौ और दस के विद्यार्थियों के लिए अगले सत्र से बदलाव लागू करने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद यूपी बोर्ड ने सुझाव मांगे हैं।

29 जून तक मांगे सुझाव

upmspncf2023@gmail पर सभी सुझाव 29 जून तक दिए जा सकते हैं। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि नए प्रस्ताव में सभी विद्यार्थियों को हिंदी पढ़ना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त संस्कृत, गुजराती, उर्दू, पंजाबी, बांग्ला, मराठी, असमी, उड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, नेपाली, पालि, अरबी, फारसी और अंग्रेजी में से कोई दो भाषाओं को भी पढ़ना होगा।

गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान सभी के लिए अनिवार्य रहेंगे। गृह विज्ञान, मानव विज्ञान, वाणिज्य, एनसीसी, कंप्यूटर, कृषि या पर्यावरण विज्ञान में से कोई एक विषय चुनना होगा। कला शिक्षा क्षेत्र के तहत चित्रकला, रंजन कला, संगीत गायन या संगीत वादन में से किसी एक विषय का चयन कर पढ़ाई करनी होगी। विद्यार्थियों को शारीरिक एवं स्वास्थ्य शिक्षा के तहत नैतिक, योग, खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा समाजोपयोगी उत्पादक एवं समाजसेवा कार्य सभी के लिए अनिवार्य रहेगा। ----व्यावसायिक शिक्षा के लिए तीन श्रेणियों में 31 विषयों के विकल्प :यूपी बोर्ड में होने वाले बदलाव व्यवसायिक शिक्षा पर भी प्रभावी हो रहे हैं। कुल 31 विषयों में से एक विषय अब विद्यार्थी चुन सकेंगे। इनके लिए बोर्ड ने तीन श्रेणियां तय की हैं। ए श्रेणी में सात, बी श्रेणी में 15 और सी श्रेणी में नौ विषय शामिल हैं। इसी क्रम में शारीरिक, कला एवं व्यवसायिक शिक्षा में 30 नंबर की लिखित परीक्षा कराई जाएगी। 70 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। शेष विषयों में 80 अंक की लिखित परीक्षा और 20 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा।बोर्ड की तरफ से जारी सूचना में कहा गया है कि पाकशास्त्र, बेकिंग एवं कन्फेक्शनरी, मधुमक्खी पालन, पौधशाला, खाद्य संरक्षण, फल संरक्षण, फसल सुरक्षा संबंधी विषय ए वर्ग अर्थात जीवन रूपों के साथ कार्य करने संबंधी हैं। मशीन और सामग्रियों के साथ कार्य करने संबंधी विषयों में आटोमोबाइल, आइटी/आइटीईएस, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, सोलर सिस्टम, मोबाइल रिपेयरिंग, टेक्सटाइल डिजाइन, छाया चित्रण अर्थात फोटोग्राफी, परिधान रचना एवं सज्जा, आशुलिपिक तथा टंकण, मुद्रण, रेडियो एवं टेलीविजन, बुनाई तकनीक, सिलाई शामिल है। वर्ग सी मानव सेवा में कार्य करने संबंधी विषयों की सूची में नौ विषय शामिल हैं। इनमें हेल्थ केयर, रिटेल ट्रेडिंग अर्थात खुदरा व्यापार, सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, पुस्तकालय विज्ञान, धुलाई रंगाई, बैंकिंग, एकाउंटेंसी एवं अंकेक्षण, पर्यटन एवं आतिथ्य शामिल है।

कक्षा नौ में वर्ग ए, वर्ग बी, वर्ग सी में से किसी एक वर्ग से ट्रेड का चयन किया जाएगा। कक्षा दस में विद्यार्थी कक्षा नौ में चयनित वर्ग से हटकर किसी अन्य वर्ग से ट्रेड का चयन करेंगे। प्रश्नपत्र के नए प्रारूप में 20 अंक बहुविकल्पी, 30 अंक दक्षता आधारित प्रश्न, 30 अंक वर्णनात्मक प्रकृति के पूछे जाएंगे। 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन से मिलेंगे। इसमें मौखिक टेस्ट, प्रोजेक्ट आदि से संबंधित रहेंगे।

विषयवार होगा ग्रेडिंग सिस्टम

बोर्ड ने विषयवार ग्रेडिंग सिस्टम तय किया है। कक्षा नौ में 91-100 अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को ए-1 ग्रेड, 81-90 अंक पर ए-2 ग्रेड, 71-80 अंक पर बी-1 ग्रेड, 61 से 70 अंक पर बी-2 ग्रेड, 51 से 60 अंक पर सी-1 ग्रेड, 41 से 50 अंक पर सी-2 ग्रेड, 33से 40 अंक पर डी ग्रेड ओर 0-32 अंक पर ई ग्रेड दिया जाएगा। ई ग्रेड पर विद्यार्थी अनुत्तीर्ण होंगे।

ट्रेड विषयों के संचालन के लिए कोई शासकीय अनुदान देय नहीं

बोर्ड ने नए निर्देशों में कहा है कि यदि कोई विद्यालय व्यावसायिक शिक्षा क्षेत्र के चयनित ट्रेड के विषय पढ़ाता है तो जिला विद्यालय निरीक्षक से अनुमति प्राप्त करनी होगी। जिला विद्यालय निरीक्षक परिषद को अनिवार्य रूप से सूचित करेंगे। विद्यालयों को अलग से मान्यता की आवश्यकता नहीं होगी।

संस्था को ट्रेड विषयों के संचालन के लिए कोई भी शासकीय अनुदान नहीं दिया जाएगा। समस्त मान्यता प्राप्त संस्थाओं में भाषाओं के अतिरिक्त समस्त विषयों के शिक्षण का माध्यम हिंदी अथवा अंग्रेजी रहेगा। प्रतिबंध यह है कि जिन विद्यालयों को हिंदी माध्यम से शिक्षण दिए जाने हेतु पूर्व में मान्यता/अनुमति मिली है उन्हें अंग्रेजी माध्यम से भी शिक्षण दिए जाने की अनुमति दी जा सकती है।

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