…तो भारत की बहुसंख्यक आबादी हो जाएगी अल्पसंख्यक, धार्मिक सभाओं में हो रहे मतांतरण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मतांतरण से जुड़े एक मामले के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि मतांतरण करने वाली धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत लोगों को धर्म के प्रचार-प्रसार की छूट है लेकिन धर्म बदलवाने की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने जमानत याचिका भी खारिज कर दी।

By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav Publish:Tue, 02 Jul 2024 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2024 05:00 AM (IST)
…तो भारत की बहुसंख्यक आबादी हो जाएगी अल्पसंख्यक, धार्मिक सभाओं में हो रहे मतांतरण पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी
मतांतरण के आरोपी कैलाश की जमानत अर्जी खारिज।

HighLights

  • कहा, मतांतरण कराने वाले धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगे
  • धार्मिक आयोजनों के जरिये गरीबों को गुमराह कर ईसाई बना रहे

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मतांतरण (धर्मांतरण) को लेकर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि यदि धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की प्रवृत्ति जारी रही तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी ही अल्पसंख्यक हो जाएगी। 

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने हिंदुओं को ईसाई बनाने के आरोपी मौदहा हमीरपुर के कैलाश की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए सोमवार को यह आदेश दिया है।

धर्म बदलवाने की अनुमति नहीं

कोर्ट ने कहा कि लोगों को धर्म के प्रचार-प्रसार की छूट है, लेकिन धर्म बदलवाने की अनुमति नहीं है। ऐसे आयोजन संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरुद्ध हैं। यह अनुच्छेद किसी को भी धर्म मानने व पूजा करने व अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है। धर्म प्रचार की स्वतंत्रता किसी को धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं देती। 

कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

कोर्ट ने कहा कि जानकारी में आया है कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक आयोजनों से भोले-भाले गरीब लोगों को गुमराह कर ईसाई बनाया जा रहा है। ऐसे में धर्म परिवर्तन कराने के आरोप की गंभीरता को देखते हुए याची को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता और कोर्ट ने कैलाश की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

यह है मामला

रामकली प्रजापति ने प्राथमिकी दर्ज कराई कि उसका भाई मानसिक रूप से बीमार था, उसको याची एक हफ्ते के लिए दिल्ली ले गया। उसने कहा कि इलाज कराकर गांव वापस भेज देंगे, किंतु वापस नहीं भेजा। 

इसके बाद जब-जब भी वह आया तो गांव के अन्य लोगों को दिल्ली में आयोजित आयोजन में ले गया। जहां उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। 

मतांतरण कराने के बदले शिकायतकर्ता के भाई को पैसे दिए जाते हैं। याची पर बेहद आरोप गंभीर है। उसने गांव के तमाम लोगों को ईसाई बना दिया है।

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