काशी-तमिल संगमम् : दूसरे जत्थे में पहुंचे तमिलनाडु के हस्त शिल्पी, कैंट स्टेशन पर हुआ स्वागत

वाराणसी में मंगलवार की सुबह काशी तमिल संगमम् के माह भर के आयोजन में दूसरे दौर में तमिलनाडु के हस्‍तशिल्पियों का जत्‍था जब वाराणसी के कैंट रेलवे स्‍टेशन पर पहुंचा तो उनका भव्‍य तरीके से स्‍वागत सत्‍कार किया गया।

By anup kumar agrahariEdited By: Publish:Tue, 22 Nov 2022 10:55 AM (IST) Updated:Tue, 22 Nov 2022 10:55 AM (IST)
काशी-तमिल संगमम् : दूसरे जत्थे में पहुंचे तमिलनाडु के हस्त शिल्पी, कैंट स्टेशन पर हुआ स्वागत
काशी-तमिल संगमम् में तमिलनाडु के हस्त शिल्पी वाराणसी कैंट स्टेशन पहुंचे तो उनका स्‍वागत किया गया।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। Kashi Tamil Sangamam Handicraftsmen from Tamil Nadu arrived in second batch : माह भर तक चलने वाला काशी तमिल संगमम् का अनवरत क्रम लगातार जारी है और तमिलनाडु से लोगों को लेकर आने वाली ट्रेन के पहुंचने के बाद यात्रियों का भव्‍य स्‍वागत सत्‍कार किया जा रहा है। माह भर तक तमिल लोगों के काशी आने का क्रम जारी रहेगा।  

काशी-तमिल संगमम में तमिल अतिथियों का दूसरा दल मंगलवार की सुबह पहुंच गया। कैंट रेलवे स्टेशन पर अतिथियों के भव्य स्वागत की तैयारियां की गई थी। दूसरे दल के अतिथि स्वागत से अभिभूत दिखे और काशी नगरी पहुंचने पर उनका रोमांच अलग ही नजर आ रहा था।

एक माह तक चलने वाले काशी तमिल संगमम में तमिलनाडु से कलाकारों, छात्रों, साहित्यकारों, कामगारों के कई ग्रुप वाराणसी भ्रमण करने आएंगे। इसी क्रम में दूसरा दल मंगलवार की सुबह पहुंचा। अतिथियों का दूसरा दल वाराणसी के अलावा प्रयागराज और अयोध्या के दौरे पर भी जाएगा। इसी तरह से तमिलनाडु के अलग - अलग जगहों से काशी तमिल संगमम में भाग लेने के बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं।

दूसरा दल तमिल अतिथि आयोजन में शिरकत करने के साथ ही आध्यात्मिक नगरी में भ्रमण कर यहां की सभ्यता, संस्कृतिक, परिवेश आदि से परिचित होंगे। साथ ही यहां से जाकर दक्षिण भारत में काशी की पुरातन संस्कृति के बारे में बात करेंगे। इससे उत्तर और दक्षिण भारत के बीच प्राचीन संबंधों की डोर और मजबूत होगी। वहीं दोनों क्षेत्रों के बीच कला, संगीत, ज्ञान के आदान-प्रदान के साथ ही व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

गौरतलब है कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने काशी तमिल संगमम का उद्घाटन किया था। उसके बाद अलग—अलग समूहों में तमिलनाडु से लोग वाराणसी भ्रमण पर आ रहे हैं। एक माह तक चहने वाले इस आयोजन में तमिलनाडु के अलावा काशी के लोग भी बड़े उत्साह से आयोजन में शिरकत कर रहे हैं।

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