Varanasi Lok Sabha Seat: मुस्लिम इलाकों के वोटरों ने अबकी BSP को भी नकारा, मोदी को 20 बूथों पर मिले इकाई में मत

varanasi Lok Sabha result 2024 वाराणसी संसदीय सीट के अंतर्गत वाराणसी उत्तरी दक्षिणी कैंटोमेंट रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमें उत्तरी दक्षिणी और कैंट पूरी तरह से शहरी इलाका है। वहीं सेवापुरी और रोहनिया ग्रामीण है। उत्तरी व दक्षिणी में कई इलाके मुस्लिम बहुल हैं। कैंटोमेंट में भी कुछ हिस्सा मुस्लिम बहुल है। वाराणसी में करीब 3.52 लाख मुस्लिम मतदाता हैं।

By Ashok Singh Edited By: Vivek Shukla Publish:Fri, 07 Jun 2024 11:13 AM (IST) Updated:Fri, 07 Jun 2024 01:13 PM (IST)
Varanasi Lok Sabha Seat: मुस्लिम इलाकों के वोटरों ने अबकी BSP को भी नकारा, मोदी को 20 बूथों पर मिले इकाई में मत
भाजपा ने एक-एक बूथ को जीतने के लिए बूथ अध्यक्ष से लेकर पन्ना प्रमुख को लगाया था।

HighLights

  • नरेन्द्र मोदी को करीब 20 बूथों पर मिले इकाई में मत, 180 बूथों पर नहीं बढ़ पाए दहाई से आगे
  • बसपा को 75 से अधिक बूथों पर नहीं मिले एक भी वोट, 600 से अधिक बूथों पर इकाई में

अशोक सिंह, जागरण, वाराणसी। लोकसभा चुनाव 2024 में वाराणसी संसदीय सीट पर नजर पूरे देश की थी। यहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार भाजपा के सांसद प्रत्याशी रहे। उनके खिलाफ आइएनडीआइए से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और बसपा से अतहर जमाल लारी प्रत्याशी थे।

सभी पार्टियों ने पूरी ताकत लगाई थी। भाजपा ने एक-एक बूथ को जीतने के लिए बूथ अध्यक्ष से लेकर पन्ना प्रमुख को लगाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले चुनाव जीत गए लेकिन देखने में आया कि वाराणसी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मुस्लिम इलाकों के बूथों के मतदाताओं ने भाजपा और बसपा को नकार दिया।

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वाराणसी संसदीय सीट के अंतर्गत वाराणसी उत्तरी, दक्षिणी, कैंटोमेंट, रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमें उत्तरी, दक्षिणी और कैंट पूरी तरह से शहरी इलाका है। वहीं सेवापुरी और रोहनिया ग्रामीण है। उत्तरी व दक्षिणी में कई इलाके मुस्लिम बहुल हैं।

कैंटोमेंट में भी कुछ हिस्सा मुस्लिम बहुल है। वाराणसी में करीब 3.52 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। इन मतदाताओं ने भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया। उसे 20 स्थानों पर इकाई में और 180 स्थानों में दहाई अंकों में मिले मतों से संतोष करना पड़ा।

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इतना ही नहीं इन इलाकों ने बसपा को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया। लारी को 75 से अधिक बूथों पर शून्य वोट मिले। इतना ही नहीं 600 से अधिक स्थानों पर इकाई में वोट मिले। लारी को शून्य व इकाई में मिले वोट वाले बूथों में कई मुस्लिम इलाके भी शामिल रहे।

लारी के मुस्लिम वर्ग का होने, जाना पहचाना चेहरा होने के बावजूद पूरी तरह से नकार दिया गया। अजय राय को एकतरफा वोट मिले जबकि चर्चा थी कि मुसलमानों का एक वर्ग मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर अजय राय से नाराज है।

कुछ मुस्लिमों का मानना था कि अजय राय की गवाही पर ही मुख्तार को जेल हुई। मतदान में ऐसा कुछ नहीं हुआ और मुस्लिमों ने मोदी और बसपा के खिलाफ टैक्टिकल (सामरिक) वोटिंग किया।

लोकसभा क्षेत्र की पांचों विधानसभा क्षेत्र के 1909 बूथों पर पड़े मतों का गहनता से देखने पर कुछ इसी तरह का परिणाम देखने को मिला।

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