यूपी में गर्मी का प्रकोप! काशी के महाश्मशान पर शवों की कतार, रोज हो रहे 400 शवों के अंतिम संस्कार
काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार के लिए लाए जाने वाले शवों की संख्या तीन माह में चार गुना तक बढ़ गई है। हरिश्चंद्र घाट पर भी नित्य दाह संस्कार के लिए लाए जाने वाले शवों की संख्या में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इन दिनों मणिकर्णिका घाट पर प्रतिदिन 300-400 शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है।
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HighLights
- मार्च में 80 से 110 शवों का होता था दाह संस्कार, 400-500 पहुंची संख्या
- हरिश्चंद्र घाट पर भी 25 प्रतिशत अधिक आने लगे शव, शवदाह हुआ महंगा
जागरण संवाददाता, वाराणसी। तपिश के चलते मोक्ष नगरी काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार के लिए लाए जाने वाले शवों की संख्या तीन माह में चार गुना तक बढ़ गई तो पिछले मई माह की अपेक्षा यह दोगुनी हो चली है। हरिश्चंद्र घाट पर भी नित्य दाह संस्कार के लिए लाए जाने वाले शवों की संख्या में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। गर्मी के मौसम में मरने वालों की संख्या बढ़कर लगभग चार गुना हुई तो शवों की कतार लगने लगी है। लोग शवदाह के लिए जगह खाली होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इन दिनों मणिकर्णिका घाट पर प्रतिदिन 300-400 शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है। घंटों प्रतीक्षा के बाद दाह संस्कार में आए स्वजनों को अपने साथ लाए शव के दहन का अवसर मिल पा रहा है।
घाट के लोगों ने बताया कि मार्च में यहां शवदाह की संख्या 80-110 प्रतिदिन थी। अप्रैल में यह बढ़कर 150-180 शव प्रतिदिन हो गई। मई में मृतकों की संख्या और बढ़ी ताे यह संख्या 200-250 हो गई।
हरिश्चंद्र घाट पर भी बढ़ी शवों की संख्या
मणिकार्णिका घाट के लकड़ी व्यापारी राजेंद्र मिश्र ने बताया कि लकड़ी की खपत भी मई की अपेक्षा दोगुनी हो गई है। मार्च में 400-500 मन लकड़ी बिकती थी। अब 1500 से 2000 मन तक लकड़ी बिक रही। यही हाल हरिश्चंद्र घाट का भी है। यहां भी पहले प्रतिदिन 36 से 40 शव दाह संस्कार के लिए आते थे। अब 45 से 50 तक शव लाए जा रहे हैं।
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