वाराणसी शहर को जोड़ने वाली छह सड़कों का किया जा रहा चौड़ीकरण, 1500 से अधिक लोगों को मिलेगा मुआवजा!
वाराणसी को जाम से राहत दिलाने के लिए हाईवे व रिंग-रोड से जोड़ने वाली छह सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। चौड़ीकरण की जद में आने वाले 1500 भवन स्वामी ऐसे हैं जिनके पास स्वामित्व का प्रमाण पत्र नहीं है। इस कारण लोग विरोध कर रहे थे। इसको गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की शासन से अनुमति मांगी है।
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जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले को जाम से राहत दिलाने के लिए हाईवे व रिंग-रोड से जोड़ने वाली छह सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है। चौड़ीकरण की जद में आने वाले 1500 से अधिक भवन स्वामी ऐसे हैं जिनके पास स्वामित्व का प्रमाण पत्र नहीं है। इस कारण लोग विरोध कर रहे थे। इसको गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की शासन से अनुमति मांगी है।
चौड़ीकरण में कचहरी से आशापुर होते हुए संदहा, लहरतारा से बीएचयू-रवींद्रपुरी कालोनी, पांडेयपुर से आजमगढ़ रोड पर रिंग रोड तक, कैंट-मोहनसराय, पड़ाव रामनगर और रामनगर से टेंगरामोड़ की सड़कें शामिल हैं। इन मार्गों पर चौड़ीकरण का कार्य तो चल रहा था लेकिन कुछ स्थानों पर मुआवजा का विवाद बना हुआ था।
मुआवजे के लिए मांगा जा रहा स्वामित्व प्रमाणपत्र
मुआवजे के लिए पहले पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभाग भवन स्वामियों से स्वामित्व प्रमाणपत्र मांग रहे थे। जिनके पास कागजात नहीं थे उन्हें सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण कहा जा रहा था। कुछ भवनों में पारिवारिक विवाद तो कुछ पुश्तैनी मकानों को कोई प्रपत्र नहीं है। कई बार सड़क पर ही कैंप लगाए गए। तहसील में हेल्प डेस्क खोला गया। बावजूद लोगों की आपत्तियों का निस्तारण नहीं हुआ। अब प्रशासन ने सभी भवन स्वामियों को मुआवजा देने का निर्णय लिया तो आस जगी है।
पांडेयपुर-आजमगढ़ मार्ग पर 599, कहचरी-संदहा पर 579, कैंट-मोहससराय पर 157, लहरतारा-रविंद्रपुरी पर 238 आदि लोग प्रभावित हैं। इसमें पात्र की सूची तैयार की जा रही है। प्रशासन नान जेडए भूमि वाले लोगों की सूची तैयार कर रहा है। लोगों को उम्मीद है कि इससे उन्हें राहत मिलेगी।
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