जल संरक्षण में वाराणसी के रेलवे स्टेशन फिसड्डी, लापरवाहियों से नाले में बह जाता है एक तिहाई पानी

धरती पर अमृत के प्रतिबिंब जल को लेकर रेलवे प्रशासन संजीदा नहीं दिखता। अमूमन रेलवे परिसर में पेयजल के अपव्यय की तस्वीरे दिख जाएंगी। जबकि एक दिन पहले विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री के आदर्श सम्बोधन किया था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 09:40 PM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 09:46 PM (IST)
जल संरक्षण में वाराणसी के रेलवे स्टेशन फिसड्डी, लापरवाहियों से नाले में बह जाता है एक तिहाई पानी
कैंट स्टेशन पर संबंधित लोगों की उदासीनत के चलते रोजाना लाखोंं लीटर पानी ऐसे ही बर्बाद हो जा रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। धरती पर अमृत के प्रतिविंब जल को लेकर रेलवे प्रशासन संजीदा नहीं दिखता। अमूमन रेलवे परिसर में पेयजल के अपव्यय की तस्वीरे दिख जाएंगी। जबकि एक दिन पहले विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री के आदर्श सम्बोधन किया था। कैंट स्टेशन पर संबंधित लोगों की उदासीनत के चलते रोजाना लाखोंं लीटर पानी ऐसे ही बर्बाद हो जा रहा है।

गौरतलब है कि कैंट स्टेशन पर प्रति दिन 8.5 लाख लीटर पानी का उत्पादन होता है। जिसकी खपत स्टेशन से गुजरने वाली दर्जनों ट्रेनों, स्टेशन पर बने कार्यालय सहित अन्य स्थानों पर किया जाता है। विभिन्न स्थानों पर पानी की सप्लाई के लिए मोटे-मोटे पाइप लाइन स्टेशन परिसर में बिछाए गये हैं। लेकिन संबंधित लोगों की उदासीनता के चलते इन्ही पाइप लाइनों से रोजाना लाखों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है जो किसी कार्य में नहीं आता।

यहां प्रतिदिन 8.5 लाख लीटर पानी के उत्पादन होता है। बदले  में लगभग 35 फीसदी पानी ऐसे की बर्बाद हो जाता है जिसपर किसी की भी नजर नहीं जाती।

वाटर हाइड्रेंट से बर्बादी

यहां हर प्लेटफार्म पर वाटर हाइड्रेंट पाईप की व्यवस्था की गई है। सम्बंधित कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ट्रेनों में पानी की आपूर्ति के बाद उसे आधा अधूरा बन्द किया जाता है। ऐसे में वह पानी नालियों में गिरकर जाया हो जाती है। कैंट स्टेशन स्थित प्लेटफार्म पर लगभग 47 पेयजल प्वाइंट है जिसमें बहुत से प्वाइंट खराब होने की दशा में लगातार पानी गिरता रहता है।

अनाधिकृत लोगों पर नहीं है लगाम

कैंट स्टेशन के नौ नंबर प्लेटफार्म पर सबसे ज्याद पानी की बर्बादी देखी जा सकती है। अनाधिकृत लोगों का जमावाड़ा इसी स्थान पर रहने के कारण वॉटर बूथ को स्नानगृह के साथ अन्य कार्यो के लिए उपयोग कर लेते हैं। किसी का डर ना होने के कारण ऐसे लोग बेधड़क वॉटर प्वाइंट का नल खुला छोड़ चल देते है।

गर्मी की शुरूआत तैयारी नदारत

गर्मी में यात्रा करते समय सबसे ज्यादा मात्रा में उपयोग पानी की ही होती है। बावजूद इसके कैंट स्टेशन पर पानी की तैयारी नदारत है। प्लेटफार्म पर लगे सभी वॉटर कूलर जहां खराब है वहीं आरओ सिस्टम फेल हो जाने के कारण पेड वॉटर यात्रियों के लिए मसस्सर नहीं। जिसका फायदा अनाधिकृत वेंडर लोकल पानी की सप्लाई कर उठायेंगे।

chat bot
आपका साथी