Binsar Wildlife Sanctuary Fire: वनाग्नि में झुलसे एक और पीआरडी जवान की दिल्‍ली एम्स में मौत, 18 दिनों तक मौत से किया संघर्ष

Binsar Wildlife Sanctuary Fire वनाग्नि में गंभीर झुलसे पीआरडी जवान कुंदन नेगी की 18 दिन बाद मौत हो गई। 13 जून को बिनसर वन्य जीव अभयारण्य के जंगलों में भयानक आग लगी थी। आग को नियंत्रण करने के लिए वन विभाग के आठ कर्मचारी गए हुए थे। चार वन कर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई थी। बिनसर वनाग्नि में अब मरने वाले की संख्या छह पहुंच चुकी है।

By chandrashekhar diwedi Edited By: Nirmala Bohra Publish:Sun, 30 Jun 2024 03:05 PM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2024 03:05 PM (IST)
Binsar Wildlife Sanctuary Fire: वनाग्नि में झुलसे एक और पीआरडी जवान की दिल्‍ली एम्स में मौत, 18 दिनों तक मौत से किया संघर्ष
Binsar Wildlife Sanctuary Fire: पीआरडी जवान कुंदन नेगी की 18 दिन बाद मौत

HighLights

  • बिनसर अभयारण्य के जंगलों में आग से मरने वालों की संख्या पहुंची छह
  • पांच लोगों की पहले हो चुकी है मौत, दो गंभीर का अभी दिल्‍ली एम्स में चल रहा है इलाज

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा। Binsar Wildlife Sanctuary Fire: बिनसर वन्यजीव अभ्यारण्य में बीते 13 जून को हुई वनाग्नि की घटना में गंभीर झुलसे पीआरडी जवान कुंदन नेगी की 18 दिन बाद मौत हो गई। उनका दिल्ली स्थित एम्स में उपचार चल रहा था। बिनसर वनाग्नि में अब मरने वाले की संख्या छह पहुंच चुकी है।

रविवार की तड़के दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान पीआरडी जवान कुंदन नेगी उम्र 44 वर्ष निवासी खाखरी, भैसियाछाना ब्लाक की मौत हो गई है। 18 दिनों तक वह जीवन के लिए अस्पताल में संघर्ष कर रहे थे। बीते 13 जून को बिनसर वन्य जीव अभयारण्य के जंगलों में भयानक आग लगी थी।

आग को नियंत्रण करने के लिए वन विभाग के आठ कर्मचारी गए हुए थे। लेकिन आग से गंभीर झुलसने से चार वन कर्मियों त्रिलोक मेहता, करन आर्या, दिवान राम, पूरन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि एक वन कर्मी कृष्ण कुमार उम्र 21 वर्ष निवासी भेटुली की 10 दिन पहले बीते 20 जून को दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। दो झुलसे वन कर्मियों भगवत सिंह उम्र 38 वर्ष निवासी भेटुली व कैलाश भट्ट, निवासी घनेली उम्र 54 वर्ष का दिल्ली एम्स में इलाज चल रहा है। चिकित्सकों के अनुसार घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है।

पीआरडी जवान की मौत की सूचना गांव में मिलते ही शोक की लहर छा गई। रात तक वन कर्मी का शव उसके पैतृक गांव पहुंचेगा। जिसके बाद सोमवार को अंतेष्टि की जाएगी। प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम हेम चंद्र गहतोड़ी ने वन कर्मी की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि घायलों की स्थित ठीक है। पीड़ितों को हरसंभव मदद की जा रही है।

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