तीन माह से पासबुक एंट्री मशीन ठप, लोग भड़के

संवाद सहयोगी, रानीखेत : एसबीआइ की शीतलाखेत शाखा में बिगड़ती व्यवस्था पर लोग मुखर हो

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 10:41 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 10:41 PM (IST)
तीन माह से पासबुक एंट्री मशीन ठप, लोग भड़के
तीन माह से पासबुक एंट्री मशीन ठप, लोग भड़के

संवाद सहयोगी, रानीखेत : एसबीआइ की शीतलाखेत शाखा में बिगड़ती व्यवस्था पर लोग मुखर हो उठे हैं। पिछले ढाई माह से एंट्री मशीन खराब पड़ी है। आरोप है कि दूरदराज से पहुंच रहे ग्रामीण उपभोक्ताओं की समस्या सुनने के बजाय बैंक प्रबंधक डपट कर पल्ला झाड़ रहे। गुस्साए ग्रामीणों ने कहा कि उपभोक्ताओं को पासबुक तक उपलब्ध कराना तो दूर बुक अपडेट करने वाली मशीन तक दुरुस्त नहीं कराई जा रही।

पर्यटन नगरी से करीब 30 किमी दूर शीतलाखेत स्थित एसबीआइ शाखा में हवालबाग ब्लॉक के लगभग 25 गांवों के उपभोक्ता जुड़े हैं। तमाम उपभोक्ताओं के साथ गुरुवार को शाखा में पहुंचे धामस संघर्ष समिति अध्यक्ष जगदीश सिंह बिष्ट के अनुसार क्षेत्र की एकमात्र बैंक शाखा में पिछले तीन माह से एंट्री मशीन ही खराब पड़ी है। इससे दूरदराज के गांवों से पासबुक अपडेट कराने पहुंच रहे ग्रामीण उपभोक्ताओं को फजीहत झेलनी पड़ रही।

व्यवस्था से नाराज सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश व अन्य ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राहकों की समस्याओं का निदान व आश्वासन के बजाय शाखा प्रबंधक उल्टा गलत व्यवहार करते हैं। यह भी बताया कि खाता खुलवा चुके सुदूर गांवों के कई उपभोक्ताओं को पासबुक भी मुहैया नहीं कराई जा रही। शाखा से खूंट, धामस, चांड, धारी, शीतलाखेत, नौला, सल्ला रौतेला, सड़का, मटेला, खड़किया, कफलकोट, कुरचौन, चंपाखाली, देवलीखान, कठपुडि़या आदि 25 गांव काफी दूर हैं। ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ता जा रहा। उन्होंने बैंक शाखा की व्यवस्था व व्यवहार पर सवाल खड़े करते हुए क्षेत्र की इकलौती शाखा में बेहतर सेवा व सुविधा न मिलने पर जनांदोलन की चेतावनी दी।

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'एंट्री मशीन डेढ़ माह से खराब है। सिस्टम में खराबी के कारण परेशानी आई है। इंजीनियर आएगा तो ही ठीक हो पाएगी। उपभोक्ताओं के साथ गलत व्यवहार का आरोप गलत है। एक बच्ची का खाता इसलिए नहीं खोला गया कि वह 18 वर्ष से कम उम्र की है।

- सत्यप्रकाश टम्टा, शाखा प्रबंधक'

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'शीतलाखेत एसबीआइ शाखा में दूर दराज के बड़े गांवों के उपभोक्ता हैं। एकमात्र शाखा होने से ग्रामीणों की उपेक्षा ठीक नहीं। यहां बीते तीन माह से मशीन खराब है लेकिन प्रबंधक उसे ठीक कराने के बजाय उल्टा ग्राहकों से अभद्र व्यवहार करते हैं। लोग रोज पासबुक अपडेट कराने पहुंच रहे लेकिन मायूस लौटना पड़ता है। व्यवस्था न सुधरी तो मजबूरन जनांदोलन करेंगे।

-जगदीश बिष्ट, सामाजिक कार्यकर्ता'

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