Monsoon की पहली मूसलधार वर्षा में 'डूबा' देहरादून, चौक-चौराहे जलमग्न, नालियां ओवरफ्लो

Monsoon 2024 हर बार की तरह इस वर्षा काल में भी दूनवासियों की फजीहत शुरू हो गई है। दून में मानसून की पहली मूसलधार वर्षा से पूरा शहर पानी- पानी हो गया। कई प्रमुख क्षेत्रों में दुकानों व घरों में भी पानी घुसा। रिस्पना-बिंदाल समेत तमाम नदी-नाले उफान पर आ गए जिससे आसपास की बस्तियों को खतरा पैदा हो गया।

By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Publish:Wed, 03 Jul 2024 11:20 AM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2024 11:20 AM (IST)
Monsoon की पहली मूसलधार वर्षा में 'डूबा' देहरादून, चौक-चौराहे जलमग्न, नालियां ओवरफ्लो
Monsoon 2024 : जलभराव से लगता रहा जाम

HighLights

  • करीब छह घंटे की वर्षा से शहर हुआ पानी-पानी
  • ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल
  • नदी-नाले उफान पर, घरों व दुकानों में भी घुसा पानी

जागरण संवाददाता, देहरादून। Monsoon 2024: दून में मानसून की पहली मूसलधार वर्षा से पूरा शहर पानी-पानी हो गया। करीब छह घंटे हुए तेज वर्षा के कारण सड़कों पर भारी मात्रा में पानी बहने लगा और चौक-चौराह तालाब में तब्दील हो गए। स्मार्ट सिटी दून का ड्रेनेज सिस्टम भी पूरी तरह फेल नजर आया।

वर्षा का पानी नालियों से ओवरफ्लो होकर सड़कों पर जमा हो गया। जिससे जाम की समस्या बनी और आवाजाही प्रभावित होती रही। वहीं, कई प्रमुख क्षेत्रों में दुकानों व घरों में भी पानी घुसा। रिस्पना-बिंदाल समेत तमाम नदी-नाले उफान पर आ गए, जिससे आसपास की बस्तियों को खतरा पैदा हो गया।

दूनवासियों की फजीहत शुरू

हर बार की तरह इस वर्षाकाल में भी दूनवासियों की फजीहत शुरू हो गई है। मूसलधार वर्षा के बीच दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पताल चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन गेट समेत शहर के मुख्य मार्ग तालाब में तब्दील नजर आए। नालियों के जगह-जगह चोक होने और संकरी होने के कारण पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहता रहा।

दोपहर में जगह-जगह हुए जलभराव से शहर में जाम भी लगा रहा। वहीं, पैदल राहगीरों को भी आवाजाही में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा। आइएसबीटी चौक पर फिर वही आलम दिखा, नालियों से वर्षा का पानी सड़क पर आ गया और सड़क पूरी तरह जलमग्न हो गई। इसके अलावा शहर के कई प्रमुख मार्गों पर यही स्थिति रही।

दर्शनलाल चौक जलमग्न, दुकानों में घुसा पानी

दर्शन लाल चौक पर घंटाघर और बुद्धा चौक की ओर से भारी मात्रा में वर्षा का पानी आने से यहां सड़कें जलमग्न हो गईं। जिससे पानी आसपास की कई दुकानों में घुस गया। यहां से पानी दून अस्पताल की ओर बहता रहा। नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अशोक वर्मा ने बताया कि ड्रेनेज सिस्टम की खामी के कारण दर्शनलाल चौक पर जलभराव हो रहा है।

लैंसडौन चौक से बुद्धा चौक होते हुए नाली को दर्शनलाल चौक पर जोड़ा गया है, जबकि घंटाघर से भी वर्षा का पानी यहीं आता है। नालियों की चौड़ाई कम होने के कारण पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह रहा है। जिसका स्थायी समाधान जरूरी है।

विधायक ने अधिकारियों के रवैये पर जताई नाराजगी

राजपुर रोड विधायक खजानदास ने दर्शनलाल चौक और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने को लेकर कई बार अधिकारियों को निर्देशित किया गया, लेकिन उसके बावजूद जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल रही है।

उन्होंने बताया कि दर्शनलाल चौक से सहारनपुर चौक तक 34 करोड़ की लागत से ड्रेनेज सिस्टम स्थापित किया जाना था, जिस पर अब तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। इस संबंध में उन्होंने जल्द बैठक करने की बात कही।

कहीं निर्माण सामग्री तो कहीं संकरी नाली बनी समस्या

हरिद्वार रोड पर ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण स्थल के बाहर पड़ी रोड़ी-बजरी के कारण नालियां चोक हो गईं और वर्षा का पानी भारी मात्रा में सड़क पर बहता रहा। आराघर चौक पर नाली ओवरफ्लो होने के कारण सड़क पूरी तरह जलमग्न रही। धर्मपुर चौक और सब्जी मंडी से फव्वारा चौक तक सड़क तालाब बनी रही।

ओल्ड डालनवाला, इंदर रोड, इंद्रा मार्केट, सहारनपुर रोड आदि में भी जलभराव रहा। सहारनपुर चौक के पास निर्माण सामग्री के कारण जल निकासी नहीं हो सकी। लालपुल कारगी मार्ग पर भी नालियां शोपीस बनी हैं, यहां वर्षा का पानी सड़कों पर बह रहा है।

प्रिंस चौक पर करंट आने से हड़कंप

प्रिंस चौक के पास जलभराव के दौरान एक बिजली के खंभे पर करंट दौड़ने लगा। जिसका पता चलते ही वहां दुकानदारों में हड़कंप मच गया। उन्होंने तत्काल नगर निगम के कंट्रोल रूम में सूचना दी। जिसके बाद शटडाउन लेकर जल निकासी की गई।

सहस्रधारा और मालदेवता क्षेत्र में ग्रामीण मार्ग बंद

सहस्रधारा-कार्लीगाड-सरोना मार्ग और मालदेवता से सटे कई ग्रामीण मार्ग मलबा आने से बाधित हो गए। इसके अलावा सेरकी-सिल्ला मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण वाहनों की आवाजाही ठप रही। सूचना पर लोनिवि की ओर से जेसीबी के माध्यम से सड़कें खोलने का प्रयास किया गया।

दून में दिनभर में 104 मिमी वर्षा

मौसम विभाग की चेतावनी के अनुरूप दून में मंगलवार को मेघ जमकर बरसे। यह इस मानसून की पहली मूसलाधार वर्षा रही। सुबह करीब नौ बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक छह घंटे लगातार वर्षा हुई, जो कि कुल 104 मिमी दर्ज की गई। जबकि जौलीग्रांट क्षेत्र में 115 मिमी, झाझरा में 46 मिमी, ऋषिकेश में 43 मिमी, विकासनगर में 36 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई।

भानियावाला मुख्य मार्ग पर बरसाती नाले के उफान से लगा जाम

डोईवाला: मंगलवार को भानियावाला मुख्य मार्ग में पंजाब नेशनल बैंक के पास से आने वाले बरसाती नाले में उफान आ गया और पानी देहरादून-ऋषिकेश हाईवे पर बहने लगा। जिससे यातायात बाधित हो गया करीब दो से ढाई घंटे जाम की स्थिति बनी रही। उस दौरान ऋषिकेश से देहरादून आ रही जिलाधिकारी सोनिका भी इस जाम में फंस गई। जिसके बाद उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को तत्काल पानी की निकासी और यातायात सुचारू करने के निर्देश दिए। 

स्मार्ट सिटी के ड्रेनेज सिस्टम पर सवाल

शहर के मुख्य मार्गों पर देहरादून स्मार्ट सिटी के तहत सीवर और ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया गया है। जिसके बाद जलभराव की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद थी, लेकिन स्मार्ट सिटी की नालियां पहली ही परीक्षा में फेल होती नजर आ रही हैं। सिंचाई विभाग की ओर से एकीकृत जल निकासी प्रणाली के काम के साथ-साथ स्टार्म वाटर ड्रेनेज का निर्माण किया गया।

चकराता रोड, राजपुर रोड, लैंसडौन चौक से बुद्धा चौक होते हुए दर्शन लाल चौक, प्रिंस चौक से सहारनपुर चौक होते हुए छोटी बिंदाल, हरिद्वार रोड पर आराघर होते हुए रेसकोर्स की ओर नाली का निर्माण किया जा चुका है। हालांकि, इसका लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है। कई जगह नालियां संकरीं और कूड़े से पटी होने के कारण वर्षा का पानी सड़कों पर बह रहा है।

दुर्घटना का खतरा, वर्षा में बिजली के खंभों से रहें दूर

दून में भारी वर्षा के कारण शहर के कई क्षेत्र जलमग्न होने से हादसों का खतरा बढ़ गया है। बिजली के खंभों पर करंट आने से दुर्घटना की आशंका है। जलभराव के दौरान मंगलवार को प्रिंस चौक के पास भी एक खंभे पर करंट आने से दुकानदार बाल-बाल बचा। ऊर्जा निगम ने आमजन से वर्षाकाल में विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। मानसून में अत्यधिक वर्षा, आंधी, ओलावृष्टि आदि की आशंका रहती है।

विषम परिस्थितियों को देखते हुए ऊर्जा निगम ने मानसून में बिजली से होने वाले हादसों से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है। वर्षाकाल में बिजली के खंभों को छूने से बचें, बिजली के खंभों से मवेशियों को न बांधे। यथासंभव बिजली लाइनों के नीचे कोई भी कार्यक्रम न करें। नए भवनों से बिजली लाइनों की उचित दूरी बनाए रखें।

खेत की मेढ़ पर यदि बिजली का खंभा लगा है तो उचित दूरी रखकर ही जुताई करें। बिजली खंभों पर यदि स्पार्किंग हो रही है तो तत्काल संबंधित सब स्टेशन में सूचना दें। यदि वर्षा में खंभे पर स्पार्क हो रहा हो और आस-पास पानी भरा हुआ है तो उस रास्ते से या पानी में जाने से बचें। यदि बिजली के तार किसी पेड़ के पास से गुजर रहे हों तो किसी भी स्थिति में पेड़ पर चढ़ने से बचें।

घर के अंदर बिजली फिटिंग में अर्थिंग जरूर कराएं व अपने बिजली के उपकरण को उससे जोड़े रखें। ऊर्जा निगम प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों के विभागाध्यक्षों से भी घरों एवं कार्यालयों में बिजली का बचत के साथ प्रयोग करने की अपील की है। बिजली संबंधित शिकायतों के लिए उपभोक्ता टोल फ्री नंबर 1912 पर संपर्क कर जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं।

chat bot
आपका साथी