Dehradun Zoo में गुलदार के जोड़े से आखिरकार उठा पर्दा, इस कारण एक साल से 'छिपाया' गया था

Dehradun Zoo देहरादून चिड़ियाघर में गुलदार का जोड़ा सैलानियों के दीदार के लिए उपलब्ध हो गया है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने गुलदार के बाड़े से पर्दा हटाया। बता दें कि देहरादून जू की शान रहे राजा और रानी गुलदार की मौत के एक साल तक बाड़ा खाली रहा। करीब ढाई वर्ष पूर्व नर गुलदार राजा की 23 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी।

By satyabir singhEdited By: Nirmala Bohra Publish:Thu, 20 Jun 2024 08:22 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2024 08:22 AM (IST)
Dehradun Zoo में गुलदार के जोड़े से आखिरकार उठा पर्दा, इस कारण एक साल से 'छिपाया' गया था
Dehradun Zoo: वन मंत्री सुबोध उनियाल ने गुलदारों के बाड़े को सैलानियों के लिए कराया शुरू

HighLights

  • एक वर्ष से केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति के इंतजार में पर्दे में रखे गए थे गुलदार

जागरण संवाददाता, देहरादून: Dehradun Zoo: देहरादून चिड़ियाघर में गुलदार का जोड़ा सैलानियों के दीदार के लिए उपलब्ध हो गया है। करीब एक साल से केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति के इंतजार में गुलदार के जोड़े को पर्दे में रखा गया था।

आखिरकार अनुमति मिली और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने गुलदार के बाड़े से पर्दा हटाया। सैलानियों के आकर्षण के लिए चिड़ियाघर में बाघ भी लाए गए हैं, लेकिन अभी उनके सार्वजनिक दीदार की अनुमति का भी इंतजार है।

बड़े बाड़े में स्थानांतरित

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से प्राप्त अनुमति के बाद बुधवार को दून चिड़ियाघर के दोनों गुलदारों को वन मंत्री सुबोध उनियाल समेत वन विभाग के मुखिया धनंजय मोहन की उपस्थिति में बड़े बाड़े में स्थानांतरित करते हुए जनता के देखने के लिए रख दिया गया।

नर और मादा गुलदार स्वस्थ हैं और देहरादून चिड़ियाघर में करीब एक वर्ष से उन्हें उचित रखरखाव मिल रहा है। दोनों की आयु करीब ढाई वर्ष है। इस अवसर पर वन मंत्री ने यह अपेक्षा की कि वन्यजीव देहरादून चिड़ियाघर के नए आकर्षण बनेंगे।

चिड़ियाघर के प्रभारी रेंजर विनोद लिंगवाल ने बताया कि 15 जुलाई 2022 को नरेंद्रनगर वन प्रभाग से एक मादा गुलदार शावक और आठ नवंबर 2022 को हरिद्वार वन प्रभाग से एक नर गुलदार शावक को चिड़ियापुर वन्यजीव ट्रांजिट एवं पुनर्वास केंद्र लाया गया था।

जहां से बीते वर्ष जून में मालसी स्थित चिड़ियाघर में स्थानांतरित किया गया था। दोनों ही शावक करीब 15-20 दिन की उम्र में रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर लाए गए थे। दोनों शावक किन्हीं परिस्थितियों में अपनी मां से अलग हो गए थे और उनके जीवन पर संकट मंडरा रहा था। रेस्क्यू सेंटर में उन्हें भोजन-पानी के साथ ही मेडिकल देखभाल भी प्रदान की गई।

शावक पर्दे में ही हो गए वयस्क

देहरादून चिड़ियाघर की शान बढ़ाने के लिए लाए गए गुलदार नर-मादा शावक पर्दे के पीछे वयस्क हो गए। करीब एक वर्ष से देहरादून चिड़ियाघर प्रबंधन को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति का इंतजार था। डेढ़ साल की आयु में चिड़ियाघर में लाए गए शावकों को पर्दे के पीछे रखा गया और वह अब वयस्क हो गए। गुलदार का शावक 18 माह से दो वर्ष की आयु में वयस्क माना जाता है।

चिड़ियाघर की शान रहे राजा-रानी की मौत के बाद खाली था बाड़ा

देहरादून जू की शान रहे राजा और रानी गुलदार की मौत के एक साल तक बाड़ा खाली रहा। करीब ढाई वर्ष पूर्व नर गुलदार राजा की 23 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी।

गुलदार की औसत आयु 18 वर्ष मानी जाती है, लेकिन बेहतर रखरखाव में राजा ने 23 वर्ष तक सैलानियों का मनोरंजन किया। इस बीच बीते डेढ़ वर्ष पूर्व 21 वर्षीय मादा गुलदार रानी ने भी प्राण त्याग दिए। जिसके बाद पर्यटकों को चिड़ियाघर में गुलदार के दीदार नहीं हो पाए।

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